जम्मू, 12 मार्च . केंद्रीय गृह मंत्रालय (एमएचए) ने मंगलवार को जम्मू-कश्मीर में सक्रिय दो संगठनों ‘जम्मू-कश्मीर इत्तेहादुल मुस्लिमीन’ (जेकेआईएम) और उमर फारूक की अध्यक्षता वाली ‘अवामी एक्शन कमेटी’ (एएसी) को गैरकानूनी घोषित किया.
जम्मू-कश्मीर में केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा दो संगठनों पर प्रतिबंध लगाए जाने पर जम्मू-कश्मीर के डिप्टी सीएम सुरिंदर कुमार चौधरी ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि जो अधिसूचना जारी की गई है उसे हमने देखा नहीं है और ना ही अभी पढ़ा है. केवल मीडिया के माध्यम से इसके बारे में सुना है. जब हम उसे पढ़ लेंगे, उसके बाद ही हम इस पर कुछ बयान दे सकते हैं. हम किसी के बयान को लेकर टिप्पणी नहीं करेंगे.
एएसी और जेकेआईएम पर प्रतिबंध लगाने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कांग्रेस विधायक निजामुद्दीन भट ने से बातचीत के दौरान कहा, “यह कार्रवाई अनुचित है और गलत समय पर की गई है. इससे जनता में नाराजगी पैदा हो सकती है. सरकार के लिए भी बड़ी चुनौतियां खड़ी हो सकती हैं.
वहीं, पीडीपी विधायक वहीद पारा ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि इस तरह से केंद्र सरकार द्वारा जो दो संगठनों पर प्रतिबंध लगाया है, यह उचित नहीं है. यह काफी निंदनीय है. हम इस मुद्दे को आज सदन में जरूर उठाएंगे. केंद्र सरकार दावे करती है कि यहां पर शांति हो चुकी है और उसके बाद प्रतिबंध लगाना यह उचित नहीं है.
बता दें कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मंगलवार को जम्मू-कश्मीर में सक्रिय दो संगठनों को अवैध घोषित किया. आरोप है कि ये दोनों संगठन उग्र और अव्यवस्था उत्पन्न करने वाली गतिविधियों में शामिल रहे हैं, जो देश की एकता, अखंडता और संप्रभुता के लिए खतरा है.
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को बताया था कि जम्मू-कश्मीर में सक्रिय संगठन ‘जम्मू-कश्मीर इत्तेहादुल मुस्लिमीन’ (जेकेआईएम) और ‘अवामी एक्शन कमेटी’ (एएसी) को विधि विरुद्ध संगठन घोषित किया है. इन संगठनों को उग्र और अव्यवस्था उत्पन्न करने वाली गतिविधियों में शामिल पाया गया है, जो देश की एकता, अखंडता और संप्रभुता के लिए खतरा पैदा करते हैं.
अमित शाह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में लिखा था, “‘जम्मू-कश्मीर इत्तेहादुल मुस्लिमीन’ (जेकेआईएम) और ‘अवामी एक्शन कमेटी’ (एएसी) को यूएपीए के तहत गैरकानूनी संगठन घोषित किया गया है. इन संगठनों को लोगों को भड़काकर कानून-व्यवस्था की स्थिति बिगाड़ने और भारत की एकता और अखंडता के लिए खतरा पैदा करने वाला पाया गया. देश की शांति, व्यवस्था और संप्रभुता के खिलाफ गतिविधियों में शामिल पाए जाने वाले किसी भी व्यक्ति को मोदी सरकार की कड़ी सजा का सामना करना पड़ेगा.”
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