नई दिल्ली 12 मार्च . वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने उभरती सुरक्षा चुनौतियों का सामना करने के लिए फोर्स की क्षमता में वृद्धि की आवश्यकता पर जोर दिया है. उन्होंने ट्रेनिंग की रणनीतियों को डिजाइन करने की बात कही. उन्होंने कहा कि खासतौर पर बदलते हुए भू-रणनीतिक परिदृश्य में यह सब और भी अधिक महत्वपूर्ण है. वह 11 व 12 मार्च को वेलिंगटन स्थित रक्षा सेवा स्टाफ कॉलेज में भारतीय सशस्त्र बलों के 80वें स्टाफ कोर्स में प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे छात्र अधिकारियों और स्थायी संकाय को संबोधित कर रहे थे.
रक्षा सेवा स्टाफ कॉलेज में एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने कोर्स के अधिकारियों से बदलाव को अपनाने के लिए कहा. उन्होंने उभरते खतरों का आलोचनात्मक मूल्यांकन करने और भविष्य के संघर्षों के लिए अनुकूल रणनीतियों को डिजाइन करने का आह्वान किया. उन्होंने संयुक्तता के महत्व पर जोर देते हुए, तीनों सेनाओं के बीच एकीकृत प्रशिक्षण और ऑपरेशनल समन्वय की आवश्यकता को रेखांकित किया, ताकि भारतीय सेनाओं की युद्धक क्षमता को बढ़ाया जा सके.
अपने संबोधन में, वायुसेना प्रमुख ने भारतीय वायुसेना के रणनीतिक दृष्टिकोण, अभी चल रही क्षमता विकास पहलों और आधुनिक युद्ध में एकीकृत संचालन के महत्व पर प्रकाश डाला. उन्होंने वायुसेना के कर्मचारियों की उपलब्धियों और भारत के राष्ट्रीय हितों की रक्षा में उनके अडिग समर्पण को भी सराहा. इस महत्वपूर्ण दौरे के दौरान, वायुसेना प्रमुख को प्रशिक्षण गतिविधियों पर संक्षिप्त जानकारी भी दी गई.
वायुसेना प्रमुख को उन प्रयासों के बारे में बताया गया, जो भारतीय सशस्त्र बलों ( नेवी, आर्मी और एयरफोर्स) के बीच संयुक्तता को बढ़ावा देती हैं. ये प्रशिक्षण गतिविधियां आधुनिक सैन्य तैयारियों का एक प्रमुख पहलू है.
वायुसेना प्रमुख ने संस्थान की सराहना करते हुए कहा कि यह संस्थान भविष्य की सैन्य लीडरशिप को कठोर शैक्षिक और व्यावसायिक प्रशिक्षण के माध्यम से आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है. यह दौरा वायुसेना की संयुक्त संचालन क्षमता को बढ़ाने और अंतर-सेवा सहयोग को मजबूत करने के लिए उसकी प्रतिबद्धता को और स्पष्ट करता है. ये महत्वपूर्ण कदम इसलिए उठाए जा रहे हैं ताकि आने वाली चुनौतियों का सामना करने के लिए अच्छी तरह से प्रशिक्षित नेतृत्व तैयार किया जा सके.
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जीसीबी/