मैनेजमेंट की पाठशाला है एबीवीपी : सीएम रेखा गुप्ता

नई दिल्ली, 10 मार्च . कभी अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की कार्यकर्ता रहीं दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता सोमवार को बतौर मुख्य अतिथि विद्यार्थी परिषद के कार्यक्रम में पहुंचीं. अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) द्वारा सोमवार को नई दिल्ली में छात्रा संसद का आयोजन किया गया था.

यहां मुख्यमंत्री ने कहा, “विद्यार्थी परिषद केवल एक छात्र संगठन नहीं, बल्कि यह नेतृत्व निर्माण की पाठशाला है. इस मंच ने मुझे दीप पकड़ाने से लेकर दीप जलाने तक की यात्रा करवाई है. प्रत्येक छात्रा को आगे बढ़ाने और नेतृत्व का पाठ पढ़ाने का कार्य एबीवीपी ने किया है और यही कारण है कि आने वाले समय में इस संगठन से केवल एक नहीं, बल्कि सैकड़ों रेखा गुप्ता तैयार होंगी. छात्रा संसद के माध्यम से एबीवीपी एक विचार रूपी वट वृक्ष तैयार कर रही है, जिसकी छांव में राष्ट्र निर्माण की नींव रखी जाएगी. मैं यह गर्व से कह सकती हूं कि मैं एबीवीपीयन हूंl”

विद्यार्थी परिषद के मुताबिक, छात्रा संसद के लिए देशभर की 38,000 से अधिक छात्राओं का व्यापक सर्वेक्षण किया गया था. इसके आधार पर चयनित 300 छात्राओं ने छात्रा संसद में भाग लिया. शिक्षा, सुरक्षा, स्वास्थ्य, स्वावलंबन और नेतृत्व से संबंधित विषयों पर गहन विमर्श करने के लिए छात्रा संसद की रूपरेखा तैयार की गई. कार्यक्रम में दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के साथ राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष विजया रहाटकर, राष्ट्रीय पुस्तक न्यास के अध्यक्ष प्रो. मिलिंद मराठे, सर्वोच्च न्यायालय की अधिवक्ता मोनिका अरोड़ा उपस्थित रहीं.

छात्रा संसद में छात्राओं से जुड़े विभिन्न विषयों पर विस्तार से चर्चा हुई और सदन के समक्ष कई महत्वपूर्ण मांगें प्रस्तुत की गईं. छात्राओं ने शिक्षा और स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए कौशल विकास पाठ्यक्रमों को लागू करने, उच्च शिक्षा में छात्राओं की बढ़ती भागीदारी को देखते हुए छात्रावासों की संख्या में वृद्धि करने की मांग की. ग्रामीण क्षेत्रों से शहरों में अध्ययन करने आने वाली छात्राओं के लिए छात्रवृत्ति योजना का प्रावधान, पाठ्यक्रम में वीरांगनाओं, महिला वैज्ञानिकों, खिलाड़ियों और नेतृत्वशील महिलाओं के योगदान को सम्मिलित करने की मांग भी की गई.

महिला शोधार्थियों के लिए विशेष योजना एवं अनुदान सुनिश्चित करने आदि महत्वपूर्ण विषयों पर बल दिया गया. इसके अलावा, सैनिटरी नैपकिन वेंडिंग मशीनों की अनिवार्य उपलब्धता, सार्वजनिक स्थानों पर पिंक टॉयलेट की स्थापना, निर्भया फंड की निगरानी एवं तहसील स्तर तक महिला हेल्थ डेस्क की स्थापना, साइबर सुरक्षा प्रशिक्षण कार्यक्रमों का संचालन, आत्मरक्षा प्रशिक्षण शिविरों की अनिवार्यता, फास्ट ट्रैक कोर्ट की प्रभावशीलता बढ़ाने और छात्रा नेतृत्व के मंचों को संस्थानों में स्थापित करने जैसे विषयों पर भी गहन चर्चा की गई.

विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय महामंत्री डॉ. वीरेंद्र सिंह सोलंकी के मुताबिक, छात्रा संसद के समापन सत्र में छात्राओं द्वारा एक मांग पत्र तैयार किया गया है. इसे शीघ्र ही सरकार और संबंधित विभागों को सौंपा जाएगा. उन्होंने कहा कि यह संसद केवल विमर्श का मंच नहीं, बल्कि छात्राओं की जमीनी समस्याओं का समाधान निकालने और नीति निर्माण में भागीदारी सुनिश्चित करने की एक ऐतिहासिक पहल है. 11 मार्च को पूर्वोत्तर छात्र संसद का आयोजन होगा, जिसमें केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहेंगे. साथ ही पूर्वोत्तर राज्यों से छात्र प्रतिनिधि शिक्षा, संस्कृति और क्षेत्रीय विकास जैसे विषयों पर मंथन करेंगे.

जीसीबी/एबीएम