पंजाब में नशा तस्करों के खिलाफ ‘आप’ सरकार कर रही कड़ी कार्रवाई : प्रियंका कक्कड़

नई दिल्ली, 10 मार्च . आम आदमी पार्टी (आप) की प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ ने सोमवार को कहा कि भाजपा दिल्ली में नशे के कारोबार पर लगाम कसने में नाकाम रही है. राजधानी में ड्रग्स की बढ़ती समस्या से लोग परेशान हैं और मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता से इसे रोकने की अपील कर रहे हैं.

उन्होंने कहा कि पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार बनने के बाद सिर्फ तीन साल में नशा तस्करों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की गई. राज्य में 30,000 एफआईआर दर्ज हुईं, 6,500 तस्कर पकड़े गए, 100 पुलिसकर्मियों को गिरफ्तार किया गया और 10,000 पुलिस अधिकारियों का तबादला किया गया. दिल्ली में नशे की लत तेजी से बढ़ रही है. मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता जब राजधानी के विभिन्न इलाकों का दौरा करती हैं, तो स्थानीय लोग उन्हें अपनी मुख्य समस्या ड्रग्स बता रहे हैं.

उन्होंने कहा कि हाल ही में आरके पुरम के दौरे के दौरान भी स्थानीय लोगों ने नशे के बढ़ते प्रचलन की शिकायत की थी. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल समेत पार्टी के अन्य नेताओं ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को कई बार पत्र लिखकर ड्रग्स पर रोक लगाने की मांग की, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला. दिल्ली में आज हर तरह का नशा आसानी से मिल रहा है, जिसमें अंतरराष्ट्रीय स्तर के ड्रग्स और डार्क वेब के जरिए सप्लाई होने वाले नशीले पदार्थ भी शामिल हैं.

उन्होंने सवाल किया कि केंद्र के पास पुलिस, सीबीआई, ईडी, नारकोटिक्स ब्यूरो जैसी तमाम एजेंसियां हैं, लेकिन उन्होंने ड्रग्स कारोबार को रोकने के लिए क्या कदम उठाए? पीएमएलए (प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट) के तहत ड्रग्स के कारोबारियों पर भी कार्रवाई हो सकती है, लेकिन भाजपा ने अपने विरोधियों पर तो यह कानून लगाया, मगर किसी भी बड़े ड्रग माफिया पर इसे लागू नहीं किया. पंजाब को पहले ‘उड़ता पंजाब’ बना दिया गया था. 2007 से 2017 तक भाजपा-अकाली दल की सरकार में नशे का धंधा चरम पर था और 2017 से 2021 तक कांग्रेस के शासन में भी स्थिति नहीं बदली. जब से आम आदमी पार्टी की सरकार आई है, ड्रग्स के खिलाफ व्यापक स्तर पर कार्रवाई हुई है.

उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी अपने राज्यों में ड्रग्स के खिलाफ लड़ रही है, लेकिन भाजपा अपने राज्यों में इसे बढ़ावा दे रही है. भाजपा दिल्ली और अपने अन्य राज्यों में बच्चों को नशे की गिरफ्त में जाने से बचाने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठा रही है. भाजपा सिर्फ अपने नेताओं और उनके बच्चों के भविष्य की चिंता करती है, लेकिन आम जनता के बच्चों को नशे में धकेलने से उसे कोई फर्क नहीं पड़ता. अगर भाजपा नेताओं की नीयत साफ है, तो उन्हें ड्रग्स माफियाओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए और दिल्ली में ड्रग्स के खिलाफ कार्रवाई की मिसाल पेश करनी चाहिए.

पीकेटी/एबीएम