नई दिल्ली, 10 मार्च . बोचासनवासी अक्षर पुरुषोत्तम स्वामीनारायण संस्था (बीएपीएस) के स्वयंसेवक बीरेन पटेल ने इस दुनिया से जाते-जाते अंगदान करके छह लोगों को नई जिंदगी देने की मिसाल पेश की. उन्होंने छह लोगों के लिए निः स्वार्थ अंगदान करके उनके लिए जीवनदायिनी किरण बन गए. दया और बलिदान के प्रेरणादायक कार्य में बीरेन पटेल ने अपने अंतिम क्षणों में भी जीवन का अनमोल उपहार दिया. बीरेन बीएपीएस स्वामीनारायण संस्था के समर्पित स्वयंसेवक थे.
27 फरवरी को, बीरेन पटेल को ब्रेन स्ट्रोक हुआ और उन्हें उपचार के लिए बीएपीएस शास्त्रीजी महाराज अस्पताल में भर्ती कराया गया. 5 मार्च को उनकी न्यूरो सर्जरी हुई, जिसके बाद उनकी हालत में सुधार हो रहा था. हालांकि, शनिवार को उनकी तबीयत अचानक बिगड़ गई और डॉक्टरों के अथक प्रयासों के बावजूद, उसी दोपहर उन्हें ब्रेन डेड घोषित कर दिया गया.
बीरेन पटेल का परिवार वर्षों से बीएपीएस स्वामीनारायण संस्था से गहराई से जुड़ा है. परिवार वालों ने अपने दुख के बावजूद परम पूज्य प्रमुख स्वामी महाराज के प्रेरणादायक जीवन सूत्र से प्रेरणा लेकर एक साहसिक निर्णय लिया. अद्भुत साहस और निस्वार्थता के साथ, उन्होंने बीरेन पटेल के हृदय, जिगर (लीवर), गुर्दे (किडनी) और आंखें दान करने का निर्णय लिया, जिससे कुल छह व्यक्तियों को नया जीवन मिला. उन्होंने “दूसरों की खुशी में ही हमारी खुशी है” वाले कथन को साकार किया.
बीएपीएस स्वयंसेवक की आंखें वडोदरा के सयाजी अस्पताल में दान की गईं, जिससे दो लोगों के आंखों को नई रोशनी मिली. उनका हृदय, जिगर (लीवर) और गुर्दे (किडनी) अहमदाबाद में ग्रीन कॉरिडोर के माध्यम से शीघ्रता से भेजे गए ताकि वे गंभीर रूप से जरूरतमंद मरीजों तक समय पर पहुंच सके.
बीरेन पटेल का यह नि:स्वार्थ बलिदान उनकी सेवा और करुणा के जीवन मूल्यों का प्रमाण है. बीएपीएस के मानवीय प्रयासों के प्रति उनकी निष्ठा और उनकी अंतिम भेंट ने न केवल जीवन बचाए, बल्कि अनगिनत लोगों को नि:स्वार्थ सेवा की भावना अपनाने के लिए प्रेरित किया.
बीएपीएस स्वामीनारायण संस्था समाज की सेवा के प्रति अपनी आध्यात्मिक मार्गदर्शन और प्रभावशाली सामाजिक सेवा के माध्यम से प्रतिबद्ध रही है. संगठन मुंबई, अहमदाबाद, वडोदरा, सूरत, बोटाद और डभोई में छह अस्पताल संचालित करता है और असंख्य व्यक्तियों को महत्वपूर्ण स्वास्थ्य सेवा प्रदान करता है. इसके अतिरिक्त, बीएपीएस आठ मोबाइल मेडिकल डिस्पेंसरी भी चलाता है जो दूरस्थ और वंचित क्षेत्रों में चिकित्सा सेवा प्रदान करती है.
इन गतिविधियों के माध्यम से, बीएपीएस प्रतिवर्ष लाखों लोगों के जीवन को सकारात्मक रूप से प्रभावित करता है. यह निस्वार्थ सेवा और समाज के उत्थान के प्रति उसकी अटूट प्रतिबद्धता का प्रमाण है.
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एससीएच/जीकेटी