रांची, 10 मार्च . झारखंड में कानून-व्यवस्था की बिगड़ती स्थिति पर सोमवार को राज्य विधानसभा में भारतीय जनता पार्टी के विधायकों ने जोरदार प्रदर्शन किया. सदन के वेल में पहुंचकर विधायकों की लगातार नारेबाजी की वजह से स्पीकर को प्रश्नकाल की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी. सोमवार को सदन की कार्यवाही शुरू होते ही नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने राज्य की कानून-व्यवस्था का मुद्दा उठाया.
उन्होंने राज्य में पिछले कुछ दिनों में घटित अपराध की बड़ी वारदातों का जिक्र करते हुए स्पीकर से इस विषय पर चर्चा कराने की मांग की. उन्होंने कहा कि शुक्रवार को रांची में कारोबारी पर दिनदहाड़े फायरिंग हुई. शनिवार को हजारीबाग में एनटीपीसी के डीजीएम की गोली मारकर हत्या कर दी गई. रांची के पास चान्हो में पिछले हफ्ते आनंदमार्ग आश्रम में अपराधियों ने हमला कर दो लोगों की हत्या कर दी. ये घटनाएं तो सिर्फ कुछ उदाहरण हैं. राज्य के अन्य हिस्सों में लगातार अपराध हो रहे हैं और सरकार चुप बैठी है.
भाजपा विधायक अमित यादव ने भी प्रश्नकाल स्थगित कर इस मुद्दे पर बहस और सरकार से जवाब की मांग की. इस पर स्पीकर ने कहा कि आपने सदन के माध्यम से सरकार को सूचना दे दी है. प्रश्नकाल में अन्य सदस्यों के महत्वपूर्ण प्रश्न लिए जाने हैं, लेकिन भाजपा के सभी विधायक इस मुद्दे पर चर्चा कराने की मांग को लेकर अड़े रहे.
उन्होंने वेल में पहुंचकर सरकार और मुख्यमंत्री के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी. स्पीकर उनसे अपने आसन पर लौटने की अपील करते रहे, लेकिन हंगामा नहीं थमा. अंततः सदन की कार्यवाही दोपहर बारह बजे तक के लिए स्थगित करनी पड़ी.
भाजपा विधायक नवीन जायसवाल ने सदन के बाहर मीडिया से बात करते हुए कहा कि यह सरकार झारखंड में जंगल राज स्थापित कर रही है. यहां आम आदमी से लेकर अफसर और व्यवसायी से लेकर महिलाएं तक सुरक्षित नहीं हैं. एक तरफ विधानसभा का सत्र चल रहा है, जहां सरकार बड़ी-बड़ी बातें कर रही है, तो दूसरी तरफ राज्य के विभिन्न हिस्सों में ताबड़तोड़ फायरिंग हो रही है. यह सरकार हर मोर्चे पर फेल है. अपराधियों को कानून का भय नहीं है. बलात्कार, हत्या, लूट, डकैती, स्नैचिंग में यह नंबर वन स्टेट बन गया है. सरकार कैसे चलती है और कानून-व्यवस्था कैसे कायम रखी जा सकती है, इसका उदाहरण उत्तर प्रदेश है. वहां अपराधी अब कोई अपराध करते हुए कांपते हैं. ज्यादातर अपराधी वहां या तो जेल में हैं या तड़ीपार किए जा चुके हैं.
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एसएनसी/एबीएम