मथुरा, 9 मार्च . मथुरा और वृंदावन में होली का पर्व हर साल की तरह इस साल भी धूमधाम से मनाया जा रहा है. ब्रज क्षेत्र के सैकड़ों मंदिरों में होली का अनोखा रूप देखने को मिल रहा है. खासकर वृंदावन में होली की विशेष परंपराएं हर वर्ष श्रद्धालुओं और पर्यटकों को आकर्षित करती हैं. इसी कड़ी में रविवार को वृंदावन स्थित मैत्री आश्रम में विधवा माताओं ने रंग, गुलाल और फूलों से होली खेली.
यह आयोजन खास था, क्योंकि पौराणिक मान्यता के अनुसार इस दिन भगवान श्री कृष्ण अपनी बांसुरी के साथ गोपियों के संग होली खेलने के लिए वृंदावन आते हैं. इस अवसर पर विधवा माताएं गोपियों का रूप धारण करके होली खेलती हैं. यह परंपरा वर्षों से चली आ रही है और आज भी इसे श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाया जाता है. वृंदावन के मैत्री आश्रम में आयोजित इस होली कार्यक्रम में दूर-दूर से आए सैकड़ों लोग शामिल हुए. फूलों से सजी होली ने कार्यक्रम में शामिल माताओं और श्रद्धालुओं के चेहरे पर खुशी की लहर दौड़ा दी.
होली खेलते हुए माताएं खुश और उल्लसित नजर आईं. उनके चेहरों पर वह खुशी साफ दिखाई दे रही थी, जो उनके लिए इस दिन को खास बनाती है. इस आयोजन के दौरान हर कोई एक-दूसरे पर गुलाल और फूलों की बौछार करता दिखा, जिससे वातावरण में आनंद और उल्लास का माहौल बन गया. विधवा माताओं के लिए यह पर्व बहुत मायने रखता है. वह पूरे साल इस दिन का इंतजार करती हैं, ताकि भगवान श्री कृष्ण के साथ होली खेल सकें.
शांति कपूर ने न्यूज एजेंसी से बात करते हुए कहा कि बहुत अच्छे से हमने होली खेली. यहां हमें बहुत आनंद आता है, उन्होंने बताया कि वह सात साल से यहां हैं.
वहीं, एक शख्स ने बताया कि हमको बहुत हर्ष है कि माताएं अपने सफेद वस्त्र छोड़कर रंगों के साथ बच्चों की तरह फूलों के साथ होली खेल रही हैं. आज लग रहा कि हमारी मेहनत और सेवा सफल हो रही है. यहां 85 माताएं मौजूद हैं. उन्होंने बताया कि 100 माताओं के यहां रहने की कैपेसिटी है.
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पीएसके/