बेंगलुरू, 7 मार्च . भारतीय टेक स्टार्टअप इकोसिस्टम अब महिला संस्थापकों वाली कंपनियों द्वारा जुटाए गए ऑल-टाइम फंडिंग के मामले में अमेरिका के बाद दूसरे स्थान पर है. शुक्रवार को जारी एक लेटेस्ट रिपोर्ट में बताया गया कि इस क्षेत्र में अब तक कुल 26 बिलियन डॉलर जुटाए गए हैं.
भारत में 7,000 से अधिक एक्टिव महिलाओं के नेतृत्व वाले स्टार्टअप हैं, जो देश में सभी एक्टिव स्टार्टअप का 7.5 प्रतिशत है.
प्रमुख स्टार्टअप रिसर्च और एनालिटिक्स फर्म ट्रैक्सन के आंकड़ों के अनुसार, इन स्टार्टअप ने सामूहिक रूप से 26.4 बिलियन डॉलर जुटाए हैं, जिसमें 6.3 बिलियन डॉलर फंडिंग के साथ 2021 सबसे अधिक फंडिंग वाला वर्ष रहा.
महिलाओं द्वारा संचालित स्टार्टअप की संख्या और अब तक जुटाए गए कुल फंडिंग दोनों में बेंगलुरू सबसे आगे है, इसके बाद मुंबई और दिल्ली-एनसीआर का स्थान है.
वैश्विक स्तर पर, 2022 में भारतीय स्टार्टअप से सबसे अधिक फंडिंग 15.18 प्रतिशत रही. उस वर्ष, भारत में महिलाओं के नेतृत्व वाले स्टार्टअप ने वैश्विक स्तर पर 32.8 बिलियन डॉलर की तुलना में 5 बिलियन डॉलर जुटाए थे.
2024 में, महिलाओं द्वारा सह-नेतृत्व वाले स्टार्टअप द्वारा जुटाए गए फंडिंग के मामले में भारत अमेरिका और यूके के बाद तीसरे स्थान पर रहा, जो दुनिया भर में महिलाओं के नेतृत्व वाले स्टार्टअप द्वारा जुटाए गए फंडिंग का 3.96 प्रतिशत है.
खुदरा क्षेत्र महिलाओं के नेतृत्व वाले स्टार्टअप द्वारा जुटाए गए निवेश के आधार पर मजबूत बढ़त लेता है, जिसने अब तक का 7.8 बिलियन डॉलर का फंडिंग हासिल किया है. एडटेक (5.4 बिलियन डॉलर) और एंटरप्राइज एप्लीकेशन (5 बिलियन डॉलर) इसके ठीक पीछे हैं.
रिपोर्ट में कहा गया है कि विशेष रूप से, बी2सी ई-कॉमर्स, इंटरनेट-फर्स्ट ब्रांड और फैशन टेक जैसे सब सेक्टर में महत्वपूर्ण गतिविधि देखी जा रही है, जिसमें कई स्टार्टअप महिलाओं के सह-नेतृत्व में हैं.
महिलाओं के नेतृत्व वाले स्टार्टअप के अधिग्रहण की सबसे अधिक संख्या 2021 में दर्ज की गई, जिसमें 45 अधिग्रहण हुए. हालांकि, 2022 में यह संख्या 20 प्रतिशत घटकर 36 रह गई और 2023 में 30.5 प्रतिशत घटकर 25 रह गई.
2024 में अधिग्रहणों की संख्या घटकर 16 रह गई. रिपोर्ट में कहा गया है, “ये स्टार्टअप न केवल बड़े पैमाने पर फंडिंग हासिल कर रहे हैं, बल्कि उद्योगों को फिर से परिभाषित कर रहे हैं, रोजगार पैदा कर रहे हैं और भविष्य के उद्यमियों के लिए नए मानक स्थापित कर रहे हैं.”
हालांकि स्टार्टअप इकोसिस्टम को अभी भी जेंडर बेस्ड फंडिंग के अंतर को पाटने के लिए एक लंबा रास्ता तय करना है, लेकिन ये लीडिंग स्टार्टअप साबित कर रहे हैं कि महिलाओं के नेतृत्व वाले स्टार्टअप भारत की विकास कहानी को आगे बढ़ा रहे हैं.
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एसकेटी/एएस