हफ्ते में कुछ तेज कदम से मौत की संभावना 31 फीसदी तक होती है कम : शोध

नई दिल्ली, 7 मार्च . सुबह की सैर सेहत के लिए सौ फायदों का सबब होती है, ऐसा ज्ञानी ध्यानी और बड़े बुजुर्ग कहते आए हैं. बदलते दौर में जहां पॉल्यूशन की मार है, नाइट शिफ्ट की टेंशन है और सुबह की दौड़-भाग है, तो भला टहलने का समय कैसे निकालें? एक रिसर्च ने इसका भी हल काफी हद तक निकाल दिया है. ये रिपोर्ट कहती है कि कुछ हलके-फुल्के शारीरिक श्रम से बात बन सकती है.

शोध कैनेडियन मेडिकल एसोसिएशन जर्नल में प्रकाशित हुआ है. इस हालिया अध्ययन में पाया गया कि व्यायाम करने से डायबिटीज, हृदय रोग, गठिया, श्वसन रोग, अवसाद और कुछ प्रकार के कैंसर सहित 30 से अधिक पुरानी बीमारियों का रिस्क कम हो सकता है.

इसके लिए आपको एचआईआईटी (छोटे-छोटे तीव्र अंतरालों के साथ व्यायाम करने का तरीका) वर्कआउट की भी जरूरत नहीं. बस मॉडरेट स्तर के श्रम से बात बन सकती है. ये बागवानी, योग या फिर तीव्र गति से चलने वाली गतिविधियां हो सकती हैं.

शोधकर्ताओं ने पाया कि प्रति सप्ताह केवल 150 मिनट की मध्यम शारीरिक गतिविधि से बिना किसी शारीरिक गतिविधि की तुलना में सभी कारणों से होने वाली मृत्यु का जोखिम 31% कम हो सकता है.

मॉडरेट शारीरिक गतिविधि के कुछ उदाहरणों में बागवानी, बॉलरूम डांसिंग, योग, लॉन की घास काटना, वाटर एरोबिक्स और तेज चलना शामिल हैं – “तेज” का मतलब है कम से कम 2.5 मील प्रति घंटे चलना.

अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन ने 2022 में एक शोध किया, जिसमें 30 साल में 100,000 से अधिक प्रतिभागियों का विश्लेषण किया. इसमें पाया गया कि जो व्यक्ति प्रति सप्ताह मॉडरेट शारीरिक गतिविधि में करीब 150-300 मिनट देते हैं, उनमें सभी कारणों से मृत्यु दर का 20-21% कम रिस्क होता है.

हालांकि चिकित्सकों की ये भी सलाह है कि 150 मिनट को एक दिन में ही नहीं पूरा करना चाहिए. एक्सपर्ट्स मानते हैं कि एक दिन में सेहत के नाम किए गए 30 मिनट भी अच्छे हैं. अगर हेल्थ की फिक्र करने वालों की जमात में नए-नए शामिल हुए हैं, तो शुरुआत 10-10 मिनट की सैर से कर सकते हैं.

केआर/