पटना, 5 मार्च . समाजवादी पार्टी के विधायक अबू आजमी के मुगल शासक औरंगजेब की प्रशंसा करने पर उन्हें बुधवार को महाराष्ट्र विधानसभा से बजट सत्र के लिए निलंबित कर दिया गया. बुधवार को जनता दल (यूनाइटेड) के प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा, हर व्यक्ति का देश को देखने का अपना-अपना नजरिया है.
सपा विधायक अबू आजमी के महाराष्ट्र विधानसभा से निलंबन को लेकर जेडीयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा, “किसी भी सदस्य को विधानसभा से निलंबित करने का अधिकार विधानसभा अध्यक्ष का होता है. इस देश में हर व्यक्ति का लोगों को देखने का अपना-अपना नजरिया है. अगर शेरशाह सूरी के योगदान को मानेंगे तो ये जीटी रोड के रूप में है. टोडरमल का योगदान रेवेन्यू के रूप में है. यह सूफी संतों और विभिन्न परंपराओं का देश है. इस स्थिति में अगर विधानसभा अध्यक्ष कोई निर्णय लेते हैं, तो इस पर राजनीतिक टिप्पणी नहीं करना चाहिए.”
दरअसल, सोमवार को सपा नेता अबू आजमी ने मुगल शासक औरंगजेब की तारीफ की थी. अबू आजमी ने कहा था, “औरंगजेब इंसाफ पसंद बादशाह था. उसके कार्यकाल में ही भारत सोने की चिड़िया बना. मैं औरंगजेब को क्रूर शासक नहीं मानता हूं. औरंगजेब के समय में राजकाज की लड़ाई थी, धर्म की नहीं थी, हिंदू-मुसलमान की लड़ाई नहीं थी. औरंगजेब ने अपने कार्यकाल में कई हिंदू मंदिरों का निर्माण करवाया. औरंगजेब को लेकर गलत इतिहास दिखाया जा रहा है.”
मुगल शासक औरंगजेब की तारीफ करना सपा विधायक को भारी पड़ा. महाराष्ट्र के संसदीय कार्य मंत्री चंद्रकांत पाटिल ने सदन के पटल पर अबू आजमी के खिलाफ प्रस्ताव पेश किया, जिसे सदन ने पारित कर दिया. इसके बाद अबू आजमी को महाराष्ट्र विधानसभा से निलंबित कर दिया गया है. ये निलंबन मौजूदा सत्र के लिए है.
समाजवादी पार्टी (सपा) के विधायक अबू आजमी ने औरंगजेब वाले बयान पर सफाई भी दी. उन्होंने कहा कि उनके शब्दों को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया.
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर आजमी ने लिखा, “मेरे शब्दों को तोड़-मरोड़कर दिखाया गया है. औरंगजेब रहमतुल्लाह अलेह के बारे में मैंने वही कहा है, जो इतिहासकारों और लेखकों ने कहा है. मैंने छत्रपति शिवाजी महाराज, संभाजी महाराज या अन्य किसी भी महापुरुषों के बारे में कोई अपमानजनक टिप्पणी नहीं की है. लेकिन, फिर भी मेरी इस बात से कोई आहत हुआ है तो मैं अपने शब्द, अपना स्टेटमेंट वापस लेता हूं.”
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एससीएच/