मुजफ्फरनगर, 4 मार्च . पंजाब में अपनी मांगों को लेकर आंदोलन की तैयारी कर रहे किसानों और मुख्यमंत्री भगवंत मान के बीच कल (सोमवार शाम को) चंडीगढ़ के पंजाब भवन में एक अहम बैठक हुई. इस बैठक में संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं और मुख्यमंत्री के बीच तीखी बहस हुई, जिसके बाद मुख्यमंत्री गुस्से में बैठक छोड़कर चले गए. इस घटनाक्रम पर किसान नेताओं ने अपनी नाराजगी जताई. इसे किसान संगठनों के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है.
किसान नेता राकेश टिकैत ने से बातचीत करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री का बैठक से उठकर जाना सही नहीं था. सीएम मान ने धरने को कटाक्ष के रूप में लिया है. कई मांगें लोकल हैं और 5 मार्च को किसान चंडीगढ़ में धरना देंगे. हमारे कई किसान पुलिस थाने में बंद हैं. राकेश टिकैत ने सरकार से मांग की है कि जेल में बंद किसानों को जल्द से जल्द रिहा करना चाहिए.
टिकैत ने आगे कहा कि पंजाब में किसानों की आत्महत्या की घटनाएं बढ़ी हैं और कर्ज व फसल के कम दाम ही इस दुखद स्थिति का कारण बनते हैं. उन्होंने मुख्यमंत्री और सरकार से अपील की कि किसानों के मुद्दों पर गंभीरता से विचार करें और समाधान निकालें. राकेश टिकैत ने आप नेता अरविंद केजरीवाल के किसानों से बात नहीं करने पर कहा कि यह काम तो मुख्यमंत्री भगवंत मान और मंत्री करेंगे. केजरीवाल तो पार्टी के अध्यक्ष हैं.
बता दें कि पंजाब के किसान 5 मार्च को चंडीगढ़ में धरना देने की तैयारी कर रहे हैं. इससे पहले सोमवार को पंजाब के सीएम भगवंत मान और किसान संगठनों के बीच बैठक हुई थी. बैठक के दौरान दोनों पक्षों के बीच किसी भी मुद्दे पर सहमति नहीं बन पाई थी और तीखी बहस हुई थी, तभी सीएम मान बैठक छोड़कर बाहर निकल गए थे, जिसके बाद से किसान नेताओं ने अपनी नाराजगी जाहिर की थी. अब किसान चंडीगढ़ घेराव की तैयारी में हैं.
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डीएससी/