मुंबई, 4 मार्च . समाजवादी पार्टी के विधायक अबू आजमी ने औरंगजेब वाले बयान पर सफाई देते हुए कहा कि मेरे शब्दों को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया है. फिर भी मेरी इस बात से कोई आहत हुआ है तो मैं अपने शब्द, अपना स्टेटमेंट वापस लेता हूं. सपा नेता की ओर से अपने बयान के लिए माफी मांगे जाने के बाद प्रदेश के डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे ने अपनी राय व्यक्त की.
एकनाथ शिंदे ने कहा कि अबू आजमी ने औरंगजेब को अच्छा प्रशासक बताया और उसकी तारीफ की है. यह बयान महाराष्ट्र की जनता को स्वीकार्य नहीं है. औरंगजेब ने इस धरती पर हमारे वीर छत्रपति शिवाजी महाराज और छत्रपति संभाजी महाराज के साथ अत्याचार किए थे. उसने हमारे मंदिरों को तोड़ा, हमारे मां-बहनों के सम्मान को नुकसान पहुंचाया और हमारे इतिहास को नकारा. अबू आजमी का यह बयान महाराष्ट्र की जनता कभी माफ नहीं करेगी.
उन्होंने कहा कि अबू आजमी ने छत्रपति संभाजी महाराज के बारे में जो कहा, वह पूरी तरह से निंदनीय है. छत्रपति संभाजी महाराज को औरंगजेब ने बुरी तरह से यातनाएं दीं, उनकी आंखें निकालीं, नाखून निकाले और जबान काटी, फिर भी वह बलिदान देने के बाद भी विजयी रहे. औरंगजेब हारकर दिल्ली तक नहीं पहुंच सका, और उसे यहीं पर मरना पड़ा.
शिंदे ने आगे कहा कि अबू आजमी का यह बयान महाराष्ट्र की धार्मिक भावना को ठेस पहुंचाता है और इसके लिए उन्हें सख्त सजा दी जाएगी. उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी और उन्हें निलंबित किया जाएगा.
अबू आजमी ने अपने बयान पर सफाई पेश करते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “मेरे शब्दों को तोड़-मरोड़कर दिखाया गया है. औरंगजेब रहमतुल्लाह अलेह के बारे में मैंने वही कहा है, जो इतिहासकारों और लेखकों ने कहा है. मैंने छत्रपति शिवाजी महाराज, संभाजी महाराज या अन्य किसी भी महापुरुषों के बारे में कोई अपमानजनक टिप्पणी नहीं की है. लेकिन, फिर भी मेरी इस बात से कोई आहत हुआ है तो मैं अपने शब्द, अपना स्टेटमेंट वापस लेता हूं.”
उन्होंने आगे कहा, “इस बात को राजनीतिक मुद्दा बनाया जा रहा है और इसकी वजह से महाराष्ट्र विधानसभा के बजट सत्र को बंद करना, मैं समझता हूं कि यह महाराष्ट्र की जनता का नुकसान करना है.”
बता दें कि इससे पहले सोमवार को सपा नेता अबू आजमी ने मुगल शासक औरंगजेब की तारीफ की थी. इसके बाद से देश में बयानबाजियों का दौर शुरू हो गया. अबू आजमी ने कहा था, “औरंगजेब इंसाफ पसंद बादशाह था. उसके कार्यकाल में ही भारत सोने की चिड़िया बना. मैं औरंगजेब को क्रूर शासक नहीं मानता हूं. औरंगजेब के समय में राजकाज की लड़ाई थी, धर्म की नहीं थी, हिंदू-मुसलमान की लड़ाई नहीं थी. औरंगजेब ने अपने कार्यकाल में कई हिंदू मंदिरों का निर्माण करवाया. औरंगजेब को लेकर गलत इतिहास दिखाया जा रहा है.”
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पीएसके/