अंतरराष्ट्रीय न्यायालय ने जापानी जज युजी इवासावा को चुना नया अध्यक्ष

हेग, 4 मार्च . जापानी जज युजी इवासावा को नीदरलैंड के हेग स्थित अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (आईसीजे) का नया अध्यक्ष चुना गया है. वह आईसीजे के पूर्व अध्यक्ष नवाफ सलाम की जगह लेंगे, जिन्होंने अपना कार्यकाल समाप्त होने से पहले जनवरी में इस्तीफा दे दिया था.

आईसीजे ने सोमवार को घोषणा की कि इवासावा युजी को उनके साथी जजों ने न्यायालय का अध्यक्ष चुना.

इवासावा 22 जून, 2018 से न्यायालय के जज हैं. न्यायालय में शामिल होने से पहले, इवासावा टोक्यो यूनिवर्सिटी में अंतर्राष्ट्रीय कानून के प्रोफेसर और संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार समिति के अध्यक्ष थे.

इवासावा न्यायालय के शीर्ष पद पर आसीन होने वाले दूसरे जापानी नागरिक बन गए हैं. उनसे पहले हिसाशी ओवाडा इस पद तक पहुंचने वाले पहले जापानी थे. उन्होंने 2009 से 2012 तक आईसीजे के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया था.

‘एनएचके वर्ल्ड जापान’ से बात करते हुए इवासावा ने कहा कि वह कानून के शासन और विवादों के शांतिपूर्ण समाधान को बढ़ावा देने के आईसीजे के प्रयासों में योगदान देना चाहते हैं.

आईसीजे के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का चुनाव न्यायालय के सदस्य हर तीन साल में गुप्त मतदान के जरिए करते हैं. इसके लिए पूर्ण बहुमत की जरुरत होती है, और राष्ट्रीयता की कोई शर्त नहीं होती. अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का चुनाव फिर से किया जा सकता है.

अध्यक्ष न्यायालय की सभी बैठकों का नेतृत्व करते हैं, बजटीय और प्रशासनिक समिति की मदद से इसके संचालन और प्रशासन की देखरेख करते हैं. वह न्यायालय के सदस्यों से बनी अन्य समितियों की भी मदद लेते हैं.

न्यायिक विचार-विमर्श के दौरान बराबरी की स्थिति में, अध्यक्ष के पास निर्णायक मत देने का अधिकार होता है.

अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (आईसीजे) संयुक्त राष्ट्र का प्रमुख न्यायिक अंग है. इसकी स्थापना जून 1945 में संयुक्त राष्ट्र चार्टर के तहत की गई थी. अप्रैल 1946 में इसने अपना कामकाज शुरू किया था.

न्यायालय में 15 जज होते हैं, जिन्हें संयुक्त राष्ट्र की महासभा और सुरक्षा परिषद नौ वर्ष के कार्यकाल के लिए चुनती हैं.

न्यायालय की दोहरी भूमिका है: पहला, देशों की तरफ से प्रस्तुत कानूनी विवादों को अंतरराष्ट्रीय कानून के अनुसार निपटाना; और दूसरा, संयुक्त राष्ट्र के विधिवत अधिकृत अंगों और एजेंसियों द्वारा संदर्भित कानूनी प्रश्नों पर सलाहकार राय देना.

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