जम्मू-कश्मीर विधानसभा सत्र की शुरुआत, गुलाम मीर ने एलजी के अभिभाषण पर किए कटाक्ष

श्रीनगर, 3 मार्च . जम्मू कश्मीर विधानसभा का सत्र सोमवार से शुरू हुआ. यह सत्र सात साल बाद आयोजित हो रहा है. इस सत्र की शुरुआत उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के अभिभाषण से हुई, जिसमें उन्होंने जम्मू कश्मीर के समग्र विकास की दिशा में सरकार की योजनाओं और प्रयासों का विवरण दिया. उन्होंने राज्य के विकास में किए गए प्रमुख कार्यों पर प्रकाश डाला और यह आश्वासन दिया कि राज्य को उसके पूर्ण अधिकार जल्द मिलेंगे. इस पर राज्य विधानसभा में कांग्रेस विधायक दल के नेता गुलाम मीर ने प्रतिक्रिया दी और उपराज्यपाल के अभिभाषण की सराहना करते हुए कहा कि उन्‍होंने अपने भाषण में खुद मान लिया कि पिछले सात सालों से राज्य में लोकतंत्र नहीं था.

उन्होंने कहा, “आज के सत्र में दो बातें बहुत महत्वपूर्ण रहीं. सबसे पहली बात यह थी कि राज्य की बहाली के लिए काम हो रहा है, और यह सरकार की प्रतिबद्धता है जिसे पूरा किया जाएगा. दूसरी बात यह थी कि सात साल के बाद जो बजट पेश किया जा रहा है, वह जनता के हित में होगा और इसमें लोगों की सुविधाओं का ध्यान रखा जाएगा.”

गुलाम मीर ने आगे कहा, “यह उम्मीद हमें भी है कि बजट में आम जनता के लिए ज्यादा सुविधाएं दी जाएं, और उपराज्यपाल ने खुद यह बात कह दी कि पिछले सात सालों से राज्य में लोकतंत्र नहीं था और कोई नेतृत्व नहीं था. यह हम भी लंबे समय से कह रहे थे, लेकिन आज उपराज्यपाल ने इसे खुले तौर पर स्वीकार कर ल‍िया.”

गुलाम मीर ने इस बात को भी महत्वपूर्ण बताया कि राज्य के लिए बजट पेश करने की प्रक्रिया को फिर से शुरू किया गया है, जो पिछले सात सालों से ठप पड़ी हुई थी. उन्होंने यह भी कहा कि अब जम्मू कश्मीर के लोग लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं के पुनर्निर्माण का गवाह बनेंगे.

बता दें कि उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने अपने भाषण में जम्मू- कश्मीर के तीन जिलों को टीबी मुक्त घोषित किए जाने की घोषणा की साथ ही राज्य में स्वास्थ्य क्षेत्र में सुधार के लिए अटल टिकटिंग लैब, स्किल डेवलपमेंट, और शिक्षक अटेंडेंस ट्रैकिंग जैसी योजनाओं पर विकास के बारे में भी बताया.

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