बांग्लादेश : गृह मंत्रालय ने पुलिस आयोग के प्रस्ताव को किया खारिज, नियंत्रण छोड़ने से इनकार

ढाका, 3 मार्च . बांग्लादेश के नेतृत्व ने पुलिस आयोग के विचार को खारिज कर दिया है. सरकार कानून लागू करने वालों पर अपना नियंत्रण छोड़ने को तैयार नहीं है. स्थानीय मीडिया ने सोमवार को यह जानकारी दी.

देश के प्रमुख समाचार पत्र ‘द डेली स्टार’ की रिपोर्ट के अनुसार, गृह मंत्रालय ने एक अलग आयोग के माध्यम से पुलिस को जवाबदेह बनाने की मांग मानने से इनकार कर दिया.

गृह मंत्रालय ने कहा कि पुलिस सुधार आयोग की सिफारिश के अनुसार एक स्वतंत्र निकाय का गठन गैरजरूरी है, क्योंकि मंत्रालय पहले से ही वही कर रहा है जो एक स्वतंत्र निकाय कर सकता है.

मंत्रालय ने दावा किया कि मौजूदा कानून, [जो औपनिवेशिक काल के हैं], काफी अच्छे हैं और उनमें संशोधन की कोई जरूरी नहीं है.

गृह मंत्रालय की प्रतिक्रिया में कहा गया, “पुलिस की छवि खराब हुई है क्योंकि कुछ पुलिसकर्मियों ने गैर-कानूनी राजनीतिक दबाव के चलते कानूनों का पालन नहीं किया.”

इससे पहले, मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार ने पुलिस फोर्स में सुधार का वादा किया था. इसके बाद, सुधारों के लिए प्रस्ताव तैयार करने के लिए एक सुधार आयोग का गठन किया गया और उसे अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए 15 जनवरी तक का समय दिया गया.

रिपोर्ट में आयोग ने पुलिस सुधार के लिए व्यापक उपायों की सिफारिश की गई और प्रस्ताव दिया कि नागरिकों के खिलाफ ताकत का इस्तेमाल अंतिम उपाय होना चाहिए.

हालांकि, गृह सलाहकार जहांगीर आलम चौधरी ने पहले कहा था कि उन्हें प्रस्तावों को लागू करने के लिए समय चाहिए, और पुलिस के बीच मानसिकता में बदलाव के लिए भी अधिक समय की आवश्यकता होगी.

जनवरी में स्थानीय मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, ‘केमोन पुलिस चाय’ (हम किस तरह की पुलिस चाहते हैं) नामक एक सार्वजनिक सर्वेक्षण में पाया गया कि अधिकांश उत्तरदाताओं की राय पुलिस के लिए एक अलग नियामक संगठन या आयोग के गठन के पक्ष में है ताकि कानून लागू करने वाली एजेंसी को जवाबदेह और प्रभावों से मुक्त बनाया जा सके.

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