बिहार में 20 साल से एनडीए की सरकार, फिर भी साक्षरता दर सबसे कम : संजय यादव

पटना, 2 मार्च . राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता और राज्यसभा सांसद संजय यादव ने रविवार को कहा कि बिहार में करीब 20 साल से एनडीए की सरकार है, लेकिन आज भी राज्य कई मामलों में काफी पिछड़ा हुआ है. उन्होंने कहा कि सोमवार को बिहार विधानसभा में 2025-26 का बजट पेश होने वाला है, इसे लेकर सरकार को सोचना चाहिए.

पटना में पत्रकारों से बातचीत करते हुए संजय यादव ने कहा, “बिहार का कल (सोमवार को) बजट आ रहा है. लेकिन उससे पहले नीति आयोग के जो सूचकांक हैं, उस पर बिहार सरकार को अमल करना चाहिए. बिहार में 20 साल से एनडीए की सरकार है. देश में सबसे कम साक्षरता दर बिहार की है. प्रति व्यक्ति आय देश में सबसे कम बिहार की है और प्रति व्यक्ति निवेश भी देश में सबसे कम बिहार में होता है. किसानों की देश में सबसे कम आय बिहार में है. बेरोजगारी सबसे अधिक बिहार में है. गरीबी और पलायन सबसे अधिक बिहार में है.”

उन्होंने कहा कि युवा आबादी सबसे अधिक बिहार में है, लेकिन युवाओं को रोजगार तब मिला जब तेजस्वी यादव 17 महीने सरकार में आए. जब 17 महीने महागठबंधन की सरकार थी, तब जातीय सर्वे कराया गया था. उस सर्वे में 94 लाख ऐसे परिवारों को चिह्नित किया गया था, जिनकी मासिक आय छह हजार रुपये से कम है. ऐसे परिवारों के लिए उस समय योजना बनी थी कि उन्हें लघु योजना और अन्य योजनाओं के माध्यम से दो लाख रुपये दिए जाएंगे.

उन्होंने कहा कि महागठबंधन की सरकार गए 14 महीने से अधिक का समय बीत गया है, लेकिन अब तक इन परिवारों को दो लाख रुपये नहीं मिले. राजद नेता ने सवालिया लहजे में कहा कि महागठबंधन की सरकार के हटने के बाद कितने युवाओं को नौकरी मिली, पलायन कम करने के लिए सरकार की क्या योजनाएं हैं और बिहार में उद्योग-धंधे लगाने के लिए क्या योजना है, यह तो सरकार को बताना होगा.

राजद नेता ने कहा कि पलायन बिहार की बड़ी समस्या है. हमारी मांग है कि सरकार इन सभी मामलों को बजट में शामिल करे और इन समस्याओं को दूर करे. उन्होंने कहा कि हर बात पर नहीं कहा जा सकता है कि 2005 के पहले क्या था. 2005 के बाद क्या किया. ड्रॉपआउट बच्चों की संख्या सबसे अधिक बिहार में है.

एमएनपी/एकेजे