नई दिल्ली, 1 मार्च . भारत का गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) कलेक्शन फरवरी में सालाना आधार पर 9.1 प्रतिशत बढ़कर 1.84 लाख करोड़ रुपये हो गया है. शनिवार को जारी हुए सरकारी डेटा से यह जानकारी मिली.
यह लगातार 12वां महीना है, जब जीएसटी कलेक्शन 1.7 लाख करोड़ रुपये से अधिक रहा है.
कलेक्शन में वृद्धि की वजह घरेलू स्तर पर जीएसटी राजस्व 10.2 प्रतिशत बढ़ना है, जो कि फरवरी में 1.42 लाख करोड़ रुपये रहा है. हालांकि, आयात पर लगने वाले से आय 5.4 प्रतिशत बढ़कर 41,702 करोड़ रुपये रही है.
फरवरी में सेंट्रल जीएसटी कलेक्शन 35,204 करोड़ रुपये रहा है. स्टेट जीएसटी कलेक्शन 43,704 करोड़ रुपये रहा है.
इंटीग्रेटेड जीएसटी कलेक्शन 90,870 करोड़ रुपये रहा है. वहीं, बीते महीने 13,868 करोड़ रुपये का सेस एकत्रित किया गया है.
रिफंड को निकाल दिया जाए तो फरवरी 2025 में शुद्ध जीएसटी कलेक्शन 8.1 प्रतिशत बढ़कर 1.63 लाख करोड़ रुपये रहा है.
बीते महीने 20,889 करोड़ रुपये का रिफंड जारी किया गया है, जो कि पिछले साल की समान अवधि से 17.3 प्रतिशत अधिक था.
कलेक्शन में कमी की वजह फरवरी में 28 दिनों का होना था.
भारत की अर्थव्यवस्था में तेजी देखने को मिल रही है. देश की रियल जीडीपी वृद्धि दर वित्त वर्ष 2024-25 की तीसरी तिमाही में बढ़कर 6.2 प्रतिशत हो गई है, जो कि इससे पहले की तिमाही में 5.6 प्रतिशत (संशोधित अनुमान) थी.
सरकार द्वारा जारी किए गए अनुमानों के अनुसार, वित्त वर्ष 2024-25 में भारत की रियल जीडीपी ग्रोथ 6.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है. इस दौरान चालू वित्त वर्ष के लिए नॉमिनल जीडीपी वृद्धि दर 9.9 प्रतिशत रहने का अनुमान है.
आंकड़ों में बताया गया कि वित्त वर्ष 2024-25 में रियल जीवीए (ग्रॉस वैल्यू एडेड) 171.80 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है, जो कि वित्त वर्ष 2023-24 में 161.51 लाख करोड़ रुपये था. चालू वित्त वर्ष में इसकी वृद्धि दर 6.4 प्रतिशत रहने का अनुमान है, जो कि पिछले वित्त वर्ष 8.6 प्रतिशत थी.
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एबीएस/