नई दिल्ली, 28 फरवरी . भारत का राजकोषीय घाटा वित्त वर्ष 25 के पहले 10 महीने (अप्रैल-जनवरी) में बजट लक्ष्य का 74.5 प्रतिशत रहा है.
कंट्रोलर जनरल ऑफ अकाउंट द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक, चालू वित्त वर्ष के अप्रैल-जनवरी अवधि में सरकार की आय और खर्च में अंतर 11.69 लाख करोड़ रुपये रहा है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2024-25 के बजट में राजकोषीय घाटे का लक्ष्य 15.69 लाख करोड़ रुपये रखा था.
पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में राजकोषीय घाटा 11.02 लाख करोड़ रुपये था.
सरकार की कुल प्राप्तियां अप्रैल-जनवरी की अवधि में 24 लाख करोड़ रुपये रही हैं. वहीं, कुल खर्च 35.70 लाख करोड़ रुपये रहा है.
आईसीआरए की मुख्य अर्थशास्त्री, अदिति नायर ने कहा कि कुल घाटा वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा तय जीडीपी के 4.8 प्रतिशत के लक्षित आंकड़े के अनुरूप है. यह राजकोषीय समेकन पथ पर प्रगति को दिखाता है.
वित्त वर्ष 2024-25 के पहले 10 महीनों में सरकारी खर्च 35.7 लाख करोड़ रुपये रहा है, जो कि वार्षिक लक्ष्य का 75.7 प्रतिशत है. इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के लिए आवंटित पूंजीगत खर्च 7.57 लाख करोड़ रुपये रहा है, जो कि वार्षिक लक्ष्य का 74.4 प्रतिशत है.
राजस्व प्राप्तियां 23.71 लाख करोड़ रुपये रही हैं, जिनमें कर राजस्व 19.04 लाख करोड़ रुपये और गैर-कर राजस्व 4.68 लाख करोड़ रुपये था.
कर और गैर-कर राजस्व संशोधित बजट अनुमान का 74.4 प्रतिशत और 88.1 प्रतिशत था.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को घटाकर 4.4 प्रतिशत कर दिया है, जो कि वित्त वर्ष 2024-25 में 4.8 प्रतिशत था.
वित्त वर्ष 25 के बजट में सरकार ने कर से आय 38.40 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान जताया है, जो कि वित्त वर्ष 24 के मुकाबले 11.72 प्रतिशत अधिक है.
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एबीएस/