संयुक्त राष्ट्र, 28 फरवरी . महासचिव एंटोनियो गुटेरेस अगले महीने बांग्लादेश का दौरा करेंगे और कॉक्स बाजार में रोहिंग्या शरणार्थियों के साथ इफ्तार में भाग लेंगे. यह जानकारी उनके प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने दी.
दुजारिक ने गुरुवार को बताया कि 13 से 16 मार्च तक की यात्रा के दौरान यूएन चीफ ढाका भी जाएंगे और अंतरिम प्रशासन के प्रमुख मुहम्मद यूनुस से मुलाकात करेंगे.
दुजारिक ने कहा कि गुटेरेस ‘रमजान एकजुटता’ के संकेत के रूप में ‘संकट का सामना कर रहे मुस्लिम समुदाय’ से मिलने जाते हैं और इस वर्ष उन्होंने बांग्लादेश में म्यांमार से आए शरणार्थियों से मिलने का फैसला किया.
प्रवक्ता ने कहा कि वह ‘बांग्लादेशी लोगों से भी मिलेंगे, जो म्यांमार से आए शरणार्थियों का उदारतापूर्वक स्वागत कर रहे हैं.”
गुटेरेस ने रमजान के दौरान मुस्लिम समुदाय से मिलने की परंपरा तब शुरू की थी, जब वह शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र के उच्चायुक्त थे.
दुजारिक ने कहा, “रोहिंग्याओं की दुर्दशा उनके दिल के बेहद करीब है, क्योंकि उस पद पर रहते हुए उन्होंने ‘रोहिंग्या संकट के लिए काम किया था.” उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में दस लाख से अधिक रोहिंग्या हैं जो म्यांमार से भागकर आए हैं.
दुजारिक ने कहा, “सबसे बड़े शरणार्थी समुदाय अक्सर बहुत गरीब विकासशील देशों में होते हैं जो आश्रय चाहने वाले लोगों के लिए अपने दिल और घर खोल देते हैं.”
गुटेरेस ने अपने संदेश में कहा, “हर रमजान में मैं दुनिया भर के मुस्लिम समुदाय के साथ एकजुटता यात्रा करता हूं और उनके साथ रोजा रखता हूं. ये मिशन दुनिया को इस्लाम के असली चेहरे की याद दिलाता हैं.”
संयुक्त राष्ट्र ने रोहिंग्या को “दुनिया में सबसे ज़्यादा सताए जाने वाले अल्पसंख्यक” के रूप में वर्णित किया है.
अगस्त 2017 में जब म्यांमार की सेना ने पुलिस और नागरिकों पर अराकान रोहिंग्या साल्वेशन आर्मी (एआरएसए) के हमलों के जवाब में बड़े पैमाने पर अभियान शुरू किया, तब बड़ी संख्या में रोहिंग्या बांग्लादेश भागने लगे. एमनेस्टी इंटरनेशनल के अनुसार, पीड़ितों में हिंदू भी शामिल थे, जिनमें से लगभग 100 लोग मारे गए.
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