पटना, 28 फरवरी . दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक, आध्यात्मिक और सामाजिक पर्व ‘महाकुंभ’ का 26 फरवरी को समापन हो गया. केंद्रीय टेक्सटाइल मंत्री गिरिराज सिंह शुक्रवार को कहा कि ‘महाकुंभ’ भारत की सांस्कृतिक एकता का प्रतीक है जिसे देखकर पूरी दुनिया दंग है.
‘महाकुंभ’ समापन पर पीएम मोदी ने एक ब्लॉग लिखा था. इसे कोट करते हुए केंद्रीय मंत्री ने से कहा, “पीएम मोदी की जो सोच है, वही महाकुंभ में देखने को मिली. महाकुंभ में बहुत अधिक संख्या में लोग गए, आंकड़ों के मुताबिक 65 करोड़ से अधिक लोगों ने एक जगह पर स्नान किया. महाकुंभ में गंदगी नहीं दिखी, प्रशासन ने अच्छी व्यवस्था की थी. पुलिस ने सहयोगात्मक व्यवहार किया. मुख्यमंत्री योगी ने खुद वहां जाकर व्यवस्था देखी. महाकुंभ भारतीय सांस्कृतिक एकता का ऐसा प्रतीक बन गया जिसे देख पूरी दुनिया दंग है.”
कपड़ा मंत्री ने एक ऐतिहासिक घटना का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा, “अंग्रेजों के राज में एक बार महाकुंभ के आयोजन में ट्रेनों और बसों की सुविधा बंद कर दी गई थी. इसके बावजूद अधिक संख्या में श्रद्धालु इकट्ठे हुए, जिसे देखकर अंग्रेज दंग हो गए थे. अंग्रेजों ने मालवीय जी से पूछा कि उन्होंने इतनी भीड़ एकत्रित करने के लिए कितने रुपए खर्च किए, जिस पर उन्होंने जवाब दिया, दो पैसा. दरअसल उस समय दो पैसे में पंचांग आते थे, जो हर घर में पाया जाता था और इसके जरिए ही लोगों को पता चलता था. महाकुंभ के लिए लोगों को बुलाया नहीं जाता, लोग स्वयं आते हैं. ऐसे में उस समय महाकुंभ के आयोजन को देखकर अंग्रेज दंग हुए थे और आज पूरी दुनिया दंग है. कई विदेशी इस पर रिसर्च करने के लिए भी आए. “
गिरिराज ने महाकुंभ आयोजन की आलोचना करने पर विपक्ष पर निशाना साधा. उन्होंने कहा, “जिसके मन में जो आया, वो बोला. तुलसीदास की एक पंक्ति है “जाकी रही भावना जैसी, प्रभु मूरत देखी तिन तैसी” ऐसे में जिसकी जैसी भावना है, वो वैसा देखेगा. कोई आधा गिलास भरा हुआ पानी देखता है तो कोई आधा गिलास खाली पानी देखता है. सीएम योगी ने इस पर यूपी विधानसभा में विस्तार से जवाब दिया है.”
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एससीएच/केआर