सीएम हेमंत ने विपक्ष को कहा ‘निकम्मा’, विरोध में भाजपा विधायकों का वॉकआउट

रांची, 27 फरवरी . झारखंड विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण पर लाए गए धन्यवाद प्रस्ताव पर दो दिनों तक चली चर्चा का गुरुवार को जवाब देते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने विपक्ष पर जोरदार जुबानी हमला किया. उन्होंने कहा कि बीजेपी ने इस राज्य को कीचड़ में धकेल दिया था. मेरी सरकार राज्य को कीचड़ से वापस निकालने का काम कर रही है.

सीएम सोरेन के भाषण के दौरान भाजपा विधायकों ने टोकते हुए राज्य में बालू की किल्लत पर जवाब देने को कहा तो जवाब में सोरेन ने कहा कि दबंगई नहीं चलने देंगे. बालू सबको मिल रहा है और सामान्य दर पर मिल रहा है. बीजेपी वाले बालू का धंधा करते हैं, इसलिए इनको ज्यादा तकलीफ हो रही है.

संबोधन के दौरान मुख्यमंत्री ने विपक्ष को ‘निकम्मा’ बताया. इस पर नाराजगी जताते हुए भाजपा के सभी विधायकों ने सदन से वॉकआउट कर दिया.

सीएम ने कहा कि सरकार की योजनाओं को विपक्ष केवल कठघरे में खड़ा करता है. दो दिनों के वाद-विवाद में बीजेपी के किसी सदस्य ने सरकार की कोई भी उपलब्धि नहीं बताई. हमने विपक्ष के षड्यंत्रों के बावजूद राज्य में काम किया. इसका नतीजा सामने आया और विपक्ष के लोग अब भी वहीं हैं.

उन्होंने कहा कि नवंबर में दूसरी बार बनी हमारी सरकार ने अभी अपना पहला ओवर भी पूरा नहीं किया है. अभी पांच साल बाकी हैं. मैं इनके हर बॉल पर छक्का मारूंगा.

सरकार के कामकाज की चर्चा करते हुए सीएम सोरेन ने कहा कि हम धर्म से ऊपर उठकर काम कर रहे हैं. झारखंड देश का पहला राज्य है, जहां जनता के लिए एयर एंबुलेंस की व्यवस्था की गई है. सरकार ने रिम्स के पुनरुद्धार का बीड़ा उठाया है. हम आने वाले दिनों में रांची में एक और बड़ा मेडिकल कॉलेज खोलने जा रहे हैं.

उन्होंने केंद्र पर झारखंड के साथ भेदभाव का आरोप लगाते हुए कहा कि खेल और खिलाड़ियों के बजट में गुजरात को 30 फीसदी दिया जाता है, जबकि हमें 20-30 करोड़ दिया जाता है. मगर, हम घबराने वाले नहीं हैं.

उन्होंने कहा कि कुछ दिन मैं मास्क लगाकर घूम रहा था, इस पर कुछ लोगों ने अफवाह उड़ा दी कि मुझे लंग्स कैंसर हो गया है. ऐसी बातें षड्यंत्र के तहत उड़ाई जाती हैं.

इसके पहले अभिभाषण पर चर्चा के दौरान भाजपा के वरिष्ठ विधायक बाबूलाल मरांडी ने कहा कि राज्य में इस कदर भ्रष्टाचार है कि थाना, अंचल और ब्लॉक में बगैर पैसा लिए जनता का काम नहीं होता. इस सरकार ने चुनाव के समय जनता की अदालत में किसानों से 3,200 रुपए प्रति क्विंटल की दर से धान खरीदने का वादा किया था और अब ये उन्हें 2,400 रुपए भी नहीं दे रहे.

एसएनसी/एबीएम