दमिश्क, 26 फरवरी . इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की हालिया टिप्पणी के विरोध में दक्षिणी सीरिया में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए हैं. उन्होंने दमिश्क के दक्षिणी क्षेत्र में सीरिया की अंतरिम सरकारी सेना की मौजूदगी को खारिज कर दिया था.
नेतन्याहू ने रविवार को कहा कि इजरायल ‘हयात तहरीर अल-शाम (एचटीएस) बलों या नई सीरियाई सेना को दमिश्क के दक्षिणी क्षेत्र में प्रवेश करने की अनुमति नहीं देगा.’ इसके साथ ही उन्होंने दक्षिणी सीरिया की ‘पूर्ण सैन्य मुक्त’ करने की बात भी कही थी.
इस बयान से पूरे देश में गुस्से का माहौल बन गया, खासकर उन क्षेत्रों में जहां सीरिया के सरकारी बलों का प्रभाव है.
स्वीदा, दारा, दमिश्क और कुनेत्रा जैसे प्रमुख सीरियाई शहरों में लोग सड़कों पर उतरे और इजरायली पीएम के बयान का विरोध किया.
दमिश्क में प्रदर्शनकारियों ने संयुक्त राष्ट्र कार्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन किया और नेतन्याहू के बयानों पर अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया की मांग की.
खैर गजाली नामक एक सीरियाई नागरिक ने कहा कि लोग अपनी समस्याओं का हल खुद निकालने में सक्षम हैं और उन्हें विदेशी देशों के हस्तक्षेप की जरूरत नहीं है. उन्होंने कहा कि सीरिया के लोग एक हैं और वे किसी भी प्रकार की विदेशी दखलअंदाजी को अस्वीकार करते हैं.
इसी तरह सीरियाई लेखक रामी कौसा ने भी कहा कि यह सीरियाई लोगों का कर्तव्य है कि वे देश की संप्रभुता को किसी भी बाहरी ताकत से कमजोर होने से बचाएं, चाहे वह इजरायल हो या कोई और देश.
स्वीदा में सैकड़ों लोग इजरायली पीएम के बयान के खिलाफ रैली में शामिल हुए और सीरियाई झंडे लहराए.
प्रदर्शनकारी हिबा ट्वेयर ने कहा कि नेतन्याहू का बयान सिर्फ उनकी व्यक्तिगत इच्छा का प्रतिनिधित्व करता है, न कि सीरिया के लोगों की भावना. उन्होंने यह भी कहा कि सीरिया का हर क्षेत्र, चाहे वह उत्तर हो, पूर्व हो या दक्षिण, केवल सीरिया का है और वे अपनी सीरियाई पहचान के अलावा किसी और पहचान को स्वीकार नहीं करते.
यह विरोध प्रदर्शन उस समय हो रहे हैं जब दक्षिणी सीरिया में इजरायली सेना की मौजूदगी और सैन्य अभियानों में वृद्धि देखी जा रही है. इजरायली बलों के सीमा के पास अपनी उपस्थिति बढ़ाने की खबरें भी सामने आ रही हैं, जिससे तनाव और बढ़ सकता है. सीरिया की अंतरिम सरकार ने इस बारे में अपनी स्थिति स्पष्ट की है.
एक राष्ट्रीय वार्ता सम्मेलन के समापन पर मंगलवार को सरकार ने सीरिया की क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता की पुष्टि की और इजरायली सैनिकों की सीरियाई भूमि पर मौजूदगी को संप्रभुता का उल्लंघन बताते हुए उनकी तत्काल वापसी की मांग की.
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पीएसएम/एमके