सरकारी कमेटी अमेरिका के पारस्परिक टैरिफ की करेगी समीक्षा, 15 मार्च तक आएगी रिपोर्ट

नई दिल्ली, 25 फरवरी . अमेरिका द्वारा ट्रेडिंग पार्टनर देशों पर 2 अप्रैल से प्रस्तावित पारस्परिक टैरिफ लगाने के ऐलान के बाद भारत सरकार की ओर से एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया गया है जिसे अमेरिका से आयात पर टैरिफ राहत की समीक्षा करने का काम सौंपा गया है.

केंद्रीय वाणिज्य मंत्रालय के तहत बनाई गई यह समिति 15 मार्च तक अपनी रिपोर्ट जमा कर सकती है. रिपोर्ट वाणिज्य मंत्रालय और वित्त मंत्रालय को जमा की जाएगी.

इस मामले से जुड़े लोगों का कहना है कि सरकार उन टैरिफ की समीक्षा कर रही है जो वर्तमान में 15-20 प्रतिशत, 50-70 प्रतिशत और 70-80 प्रतिशत के बीच हैं.

समिति संभावित टैरिफ कटौती के दायरे का आकलन कर रही है और उचित कार्रवाई के लिए समिति को सिफारिश करने का काम सौंपा गया है.

रिपोर्टों के अनुसार, एक बार सिफारिशें प्रस्तुत होने के बाद टैरिफ कटौती पर अंतिम निर्णय को लागू करने से पहले प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा इसकी जांच की जाएगी. भारत पहले से ही इस धारणा को संबोधित करने में “अत्यंत संवेदनशील” रहा है कि वह विदेशी वस्तुओं पर अधिक टैरिफ लगाता है.

अमेरिका के प्रस्तावित टैरिफ पर भारत की प्रतिक्रिया निर्धारित करने में समीक्षा पैनल का काम महत्वपूर्ण होगा.

केंद्रीय बजट 2025-26 में भारत ने बोरबॉन व्हिस्की पर टैरिफ को 150 प्रतिशत से घटाकर 100 प्रतिशत कर दिया और फिश हाइड्रोलाइजेट, स्क्रैप सामग्री, उपग्रह उपकरण, ईथरनेट स्विच और हाई-एंड मोटरसाइकिल जैसे आयात पर शुल्क कम कर दिया था.

घरेलू ऑटोमोटिव मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों पर भी यूएस के पारस्परिक टैरिफ का कोई असर नहीं होने वाला है, क्योंकि ज्यादातर भारतीय कंपनियां घरेलू बाजार में ही अपने उत्पाद बेचती हैं.

क्रिसिल इंटेलिजेंस रिपोर्ट के मुताबिक, भारत के स्टील सेक्टर पर अमेरिकी टैरिफ का असर पड़ने की संभावना नहीं है क्योंकि इस वित्तीय वर्ष के पहले नौ महीनों में देश के कुल तैयार स्टील निर्यात का केवल 2 प्रतिशत अमेरिका को किया गया था.

एबीएस/