खार्तूम, 25 फरवरी . डॉक्टर्स विदाउट बॉर्डर्स (एमएसएफ) नामक गैर-सरकारी चिकित्सा सहायता संगठन ने पश्चिमी सूडान के उत्तर दारफुर राज्य में जमजम विस्थापित शिविर में अपनी सभी सेवाएं अस्थायी रूप से बंद करने की घोषणा की है.
एमएसएफ ने बताया कि उत्तर दारफुर की राजधानी अल-फ़ाशर के पास स्थित जमजम शिविर में हाल ही में बढ़े हमले और लड़ाई के कारण वहां चिकित्सा सहायता देना अब संभव नहीं रह गया है.
संगठन ने कहा, “भयंकर भूख और मानवीय जरूरतों के बावजूद, हमें मजबूर होकर अपना फील्ड अस्पताल सहित सभी सेवाएं रोकनी पड़ रही हैं.”
एमएसएफ के सूडान प्रमुख, यहिया कलीलाह ने बताया कि एमएसएफ के अस्पताल में ग्यारह मरीजों की मौत हो गई, जिनमें पांच बच्चे थे. उन्हें न तो सही इलाज मिल पाया और न ही अल-फाशर के सऊदी अस्पताल भेजा जा सका, जो इस इलाके में एकमात्र सर्जरी करने वाला अस्पताल है.
सिन्हुआ न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने कहा कि अब अल-फ़ाशर की लड़ाई सीधे जमजम शिविर तक पहुंच गई है, जिससे हालात और भी खराब हो गए हैं. हिंसा के इतने करीब होने, जरूरी सामान भेजने में आ रही दिक्कतों, अनुभवी कर्मचारियों की कमी और सुरक्षित बाहर निकलने के रास्तों को लेकर अनिश्चितता के कारण एमएसएफ के पास सेवाएं बंद करने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा.
एमएसएफ के अनुसार, लगभग 5 लाख लोगों को आश्रय देने वाले जमजम शिविर में हाल ही में बड़ी संख्या में नए विस्थापित लोग पहुंचे हैं, जो अल-फ़ाशर के आसपास के इलाकों से भागकर आए हैं.
अल-फ़ाशर में 10 मई 2024 से सूडानी सेना (एसएएफ) और पैरा मिलिट्री रेपिड सपोर्ट फोर्स (आरएसएफ) के बीच भयंकर लड़ाई चल रही है.
सूडान में अप्रैल 2023 से एसएएफ और आरएसएफ के बीच संघर्ष जारी है, जिसने 2024 के अंत तक कम से कम 29,683 लोगों की जान ले ली है.
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