पटना, 24 फरवरी . बिहार सरकार के लघु जल संसाधन विभाग के मंत्री संतोष कुमार सुमन ने सोमवार को कहा कि राज्य सरकार जल संरक्षण और सिंचाई सुविधाओं को मजबूत करने का पुरजोर प्रयास कर रही है. सरकार की कोशिश हर खेत को सिंचाई के लिए जल उपलब्ध कराना है.
उन्होंने कहा कि 2019 में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जल संकट से निपटने और भूगर्भ जल संरक्षण के लिए ‘जल जीवन हरियाली योजना’ की शुरुआत की थी. बिहार की 74 फीसदी आबादी ग्रामीण क्षेत्रों में रहती है और मुख्य रूप से कृषि पर निर्भर है. राज्य में 94 लाख हेक्टेयर कृषि भूमि है, जिसे सिंचाई की बेहतर सुविधा उपलब्ध कराना सरकार की प्राथमिकता है. 2025 तक हर खेत में सिंचाई के पानी की उपलब्धता सुनिश्चित करने का लक्ष्य तय किया गया है.
उन्होंने कहा कि ‘जल-जीवन-हरियाली’ अभियान की 2,217 और ‘हर खेत तक सिंचाई का पानी’ कार्यक्रम की 765 योजनाएं पूरी कर ली गई हैं. 2,000 हेक्टेयर तक कमांड क्षेत्र वाली योजनाओं का कार्यान्वयन लघु जल संसाधन विभाग करता है. इसके तहत सतही सिंचाई योजना एवं भूजल सिंचाई योजना के माध्यम से सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराई जाती है. परिवर्तनशील जलवायु से निपटने के लिए ‘जल जीवन हरियाली’ अभियान के तहत एक एकड़ से अधिक रकबा वाले आहर-पईन, पांच एकड़ से अधिक रकबा वाले तालाबों एवं 2,000 हेक्टेयर तक सिंचाई क्षमता वाले वीयर, चेक-डैम का जीर्णोद्धार, निर्माण का कार्य किया जा रहा है.
उन्होंने कहा कि असिंचित क्षेत्रों में सिंचाई की सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से ‘हर खेत तक सिंचाई का पानी’ कार्यक्रम के तहत सभी आहर-पईन का जीर्णोद्धार कार्य, 2,000 हेक्टेयर तक सिंचाई क्षमता एवं 15 मीटर से अधिक लंबाई वाले वीयर, चेकडैम का निर्माण कार्य एवं उद्वह सिंचाई योजना का जीर्णोद्धार, निर्माण कार्य करने के साथ-साथ भूजल सिंचाई योजना के तहत अनुदान आधारित मुख्यमंत्री निजी नलकूप योजना का दायित्व लघु जल संसाधन विभाग को दिया गया है.
मंत्री ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2024-25 में ‘जल-जीवन-हरियाली’ अभियान के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2023-24 तक कुल 2,377 योजनाओं में से 2,217 योजनाएं पूर्ण की गई हैं. इसी तरह ‘हर खेत तक सिंचाई का पानी’ कार्यक्रम के अंतर्गत कुल 981 योजनाओं में से 765 योजनाएं पूर्ण की गई हैं.
–
एमएनपी/एबीएम