प्रधानमंत्री मोदी ने मखाना को बताया ‘सुपरफूड’, कहा- ‘मैं भी 300 दिन खाता हूं’

पटना, 24 फरवरी . प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को बिहार की एकदिवसीय यात्रा पर सिल्क सिटी के रूप में मशहूर भागलपुर पहुंचे. उन्होंने भागलपुर के हवाई अड्डा मैदान में आयोजित पीएम किसान सम्मान समारोह को संबोधित करते हुए जहां बिहार को केंद्रीय बजट में दिए गए मखाना बोर्ड की चर्चा की, वहीं मखाना को ‘सुपर फूड’ बताते हुए इसे दुनिया के बाजारों तक पहुंचाने की बात कही.

प्रधानमंत्री मोदी ने देश भर के किसानों को खुशियों की सौगात देते हुए पीएम किसान सम्मान योजना की 19वीं किस्त जारी की. इसके तहत 9.7 करोड़ से अधिक किसानों को 21,500 करोड़ रुपये से अधिक की वित्तीय सहायता दी गई. इसके अलावा भी बिहार को कई योजनाओं की सौगात मिली.

इस समारोह में उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने जहां किसानों के कल्याण के लिए चलाई जा रही योजनाओं को गिनाया, वहीं भविष्य की योजनाओं की भी जानकारी दी. उन्होंने कहा कि मैं भी साल के 365 में से 300 दिन मखाना जरूर खाता हूं. यह ‘सुपरफूड’ है, जिसे दुनिया के बाजारों तक पहुंचाना है. इस साल के बजट में मखाना किसानों के लिए मखाना बोर्ड बनाने का ऐलान किया गया. यह बोर्ड, मखाना उत्पादकों को उनकी आय बढ़ाने में मदद करेगा. इससे मखाना उत्पादक किसानों को वैल्यू एडिशन और मार्केटिंग में बहुत मदद मिलेगी. मखाना आज कई शहरों में लोगों के नाश्ते के प्रमुख अंग हो गया है.

उन्होंने कहा कि बजट में बिहार के किसानों और नौजवानों के लिए एक और बड़ी घोषणा की गई है. पूर्वी भारत में फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री को बढ़ावा देने के लिए बिहार एक बड़े केंद्र के रूप में उभरने वाला है. बिहार में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फूड टेक्नॉलॉजी एंड इंटप्रेनियोरशिप की स्थापना की जाएगी. यहां बिहार में कृषि के क्षेत्र में तीन नए सेंटर ऑफ एक्सीलेंस भी स्थापित किए जाएंगे. इनमें से एक हमारे भागलपुर में ही स्थापित होगा. यह सेंटर, आम की जर्दालू किस्म पर फोकस करेगा. दो और केंद्र, मुंगेर और बक्सर में बनाए जाएंगे, जो टमाटर, प्याज और आलू किसानों को मदद देंगे.

उन्होंने कहा कि भारत, कपड़े का भी बहुत बड़ा निर्यातक बन रहा है. देश में कपड़ा उद्योग को बल देने के लिए अनेक कदम उठाए जा रहे हैं. भागलपुर में तो कहा जाता है कि यहां पेड़ भी सोना उगलते हैं. भागलपुरी सिल्क, तसर सिल्क, पूरे हिंदुस्तान में मशहूर हैं. दुनिया के दूसरे देशों में भी तसर सिल्क की डिमांड लगातार बढ़ रही है. केंद्र सरकार, रेशम उद्योग को बढ़ावा देने के लिए, फैब्रिक और यार्न डाइंग यूनिट, फैब्रिक प्रिंटिंग यूनिट, फैब्रिक प्रोसेसिंग यूनिट, ऐसे इंफ्रास्ट्रक्चर निर्माण पर बहुत जोर दे रही है. इससे भागलपुर के बुनकर साथियों को आधुनिक सुविधाएं मिलेंगी और उनके उत्पाद दुनिया के कोने-कोने में पहुंच पाएंगे.

एमएनपी/एबीएम