ढाका, 24 फरवरी . बांग्लादेश में हाल के दिनों में महिलाओं और बच्चों के खिलाफ यौन हिंसा की घटनाएं बढ़ गई हैं. इससे नाराज छात्रों ने अंतरिम सरकार की नाकामी के विरोध मार्च निकाला.
रविवार को ढाका के कई प्रमुख कॉलेजों और विश्वविद्यालयों जैसे जगन्नाथ विश्वविद्यालय, ईडन कॉलेज, गवर्नमेंट टिटुमिर कॉलेज, यूनिवर्सिटी ऑफ लिबरल आर्ट्स बांग्लादेश (यूएलएबी) और बीआरएसी विश्वविद्यालय में विरोध प्रदर्शन हुए.
छात्रों ने नारे लगाए, “सरकार जागो!”, “चुप्पी तोड़ो, बलात्कारियों को सजा दो!”, “हिंसा बंद करो, महिलाओं की रक्षा करो!” और “बलात्कारियों को फांसी दो!.”
अपराधों को रोकने में प्रशासन की नाकामी को लेकर छात्रों ने बांग्लादेश के गृह मामलों के सलाहकार से इस्तीफा देने की मांग की. छात्रों ने पिछले 48 घंटों में हुए बलात्कार की घटनाओं की चिंताजनक संख्या पर सरकार की आलोचना की और इसे अराजकता का उदाहरण बताया.
बांग्लादेश के प्रमुख समाचार पत्र ‘द डेली स्टार’ की रिपोर्ट के मुताबिक, ढाका में एक विश्वविद्यालय छात्रा ने कहा, “बलात्कार के बढ़ते मामलों के कारण हमें बाहर जाने में डर लगता है. यहां तक कि विश्वविद्यालय जाना भी असुरक्षित लगता है. हम सरकार से तुरंत कार्रवाई की मांग करते हैं.”
बांग्लादेश महिला परिषद की रिपोर्ट ‘महिलाओं और बालिकाओं के खिलाफ हिंसा के आंकड़े: सितंबर 2024’ में कहा गया कि सितंबर में महिलाओं और बच्चों के खिलाफ हिंसा में काफी बढ़ोतरी हुई. यह रिपोर्ट सितंबर महीने में 16 बांग्ला समाचार पत्रों में प्रकाशित खबरों के आधार पर बनाई गई थी.
रिपोर्ट में बताया गया कि महिलाओं के खिलाफ यौन हिंसा के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी हुई है. इसके अलावा, यौन हिंसा की शिकार पांच लड़कियों और नौ महिलाओं ने आत्महत्या कर ली. कुछ मामलों में अपराधियों ने पीड़िता की हत्या भी कर दी.
बांग्लादेश महिला परिषद की एक और मासिक मीडिया निगरानी रिपोर्ट के अनुसार, अक्टूबर महीने में कुल 200 लड़कियों को विभिन्न प्रकार की हिंसा का सामना करना पड़ा.
दिसंबर 2024 और जनवरी 2025 में महिलाओं के खिलाफ हिंसा की घटनाओं में और बढ़ोतरी हुई है. बांग्लादेश महिला परिषद की मीडिया निगरानी रिपोर्ट के अनुसार, जनवरी 2025 में कुल 205 लड़कियों के साथ हिंसा हुई, जबकि दिसंबर में यह संख्या 163 थी.
फरवरी 2025 में भी महिलाओं के खिलाफ यौन हिंसा के कई मामले सामने आए.
‘द डेली स्टार’ की रिपोर्ट के अनुसार, बांग्लादेश महिला परिषद ने रविवार को महिलाओं के खिलाफ अपराधों की बढ़ती घटनाओं की आलोचना की.
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एसएचके/एमके