नई दिल्ली, 23 फरवरी . दिल्ली की नवगठित विधानसभा का सत्र शुरू होने से एक दिन पहले रविवार को आम आदमी पार्टी (आप) विधायक दल की महत्वपूर्ण बैठक हुई, जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री आतिशी को विधायक दल का नेता चुना गया.
कालकाजी सीट से विधायक आतिशी अब विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष की भूमिका निभाएंगी. बताया जा रहा है कि आतिशी को सर्वसम्मति से विधायक दल का नेता चुना गया है.
दिल्ली विधानसभा का तीन दिन का विशेष सत्र 24 फरवरी से 27 फरवरी तक होगा. महाशिवरात्रि के मौके पर 26 फरवरी को अवकाश रहेगा. इस सत्र को लेकर पार्टी के विधायक दल की बैठक में कई अहम मुद्दों पर चर्चा की गई. बैठक में दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल सहित पार्टी के अन्य बड़े नेता भी मौजूद थे. बैठक में सत्र के एजेंडे पर विस्तार से विचार-विमर्श किया गया.
आप के वरिष्ठ नेता गोपाल राय ने बैठक के बाद मीडिया को बताया कि आज विधायक दल की बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया है कि आतिशी दिल्ली विधानसभा में विपक्ष की नेता होंगी. चुनौतीपूर्ण समय में आतिशी ने मुख्यमंत्री के तौर पर दिल्ली की जनता की सेवा की है. आप एक रचनात्मक विपक्ष की जिम्मेदारी निभाएगी.
आतिशी ने कहा कि वह इस जिम्मेदारी के लिए अरविंद केजरीवाल और विधायक दल का शुक्रिया अदा करती हैं. उन्होंने कहा कि दिल्ली की जनता ने हमें चुनाव में विपक्ष की भूमिका दी है. आम आदमी पार्टी विधानसभा में जनता की आवाज उठाने की जिम्मेदारी पूरी तरह निभाएगी.
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने दिल्ली के लोगों से कई वादे किए हैं जिनके आधार पर दिल्ली के लोगों ने उन्हें चुना है. अब एक विपक्ष के तौर पर हमारी जिम्मेदारी रहेगी कि भारतीय जनता पार्टी ने जो-जो वादे किए, आम आदमी पार्टी विपक्ष में रहते हुए उन वादों को पूरा करवाए.
उन्होंने कहा कि आप के दो प्रमुख एजेंडे हैं. सबसे पहला यह है कि भारतीय जनता पार्टी ने जो वादे किए हैं, उन्हें पूरा करने के लिए सरकार पर दबाव बनाना. दूसरा यह है कि पिछली अरविंद केजरीवाल की सरकार ने जो काम किए हैं, उन्हें सरकार बंद न करवाए.
आतिशी ने कहा कि हाल ही में स्वास्थ्य मंत्री का बयान आया है कि कई मोहल्ला क्लीनिक बंद करवाए जाएंगे. यदि ऐसा कुछ होता है तो विधानसभा के अंदर या फिर बाहर सड़कों पर हम दिल्लीवालों के हकों के लिए लड़ाई लड़ेंगे. प्रधानमंत्री मोदी ने स्वयं यह वादा किया था कि दिल्ली की पहली कैबिनेट में महिलाओं को ढाई हजार रुपये महीना दिए जाने का फैसला किया जाएगा और 8 मार्च को इसकी पहली किस्त आ जाएगी. आतिशी ने कहा कि कैबिनेट की पहली बैठक हो गई, लेकिन महिलाओं के लिए इस योजना को पारित नहीं किया गया. विपक्ष के तौर पर भारतीय जनता पार्टी की जवाबदेही तय करनी हमारी जिम्मेदारी रहेगी.
कैग रिपोर्ट को लेकर उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री रहते हुए उन्होंने ये रिपोर्टें विधानसभा अध्यक्ष के पास भेजी थीं. ये रिपोर्ट सदन के सम्मुख प्रस्तुत होनी ही थीं. इसलिए, भारतीय जनता पार्टी द्वारा इसका क्रेडिट लेना सही नहीं है.
हाल ही में संपन्न दिल्ली विधानसभा चुनाव में जीत हासिल करने वाले सभी 70 नवनिर्वाचित विधायक 24 फरवरी से शुरू हो रहे दिल्ली विधानसभा के पहले सत्र में सदस्य के तौर पर शपथ लेंगे. यह सत्र 24 फरवरी से शुरू होकर 27 फरवरी तक चलेगा. तीन दिवसीय सत्र में विधायकों के शपथ ग्रहण के बाद विधानसभा अध्यक्ष-उपाध्यक्ष का चुनाव भी किया जाएगा.
दिल्ली की नई विधानसभा का पहला सत्र 24 फरवरी सोमवार सुबह 11 बजे शुरू होगा. इस दौरान नवनिर्वाचित विधायकों को प्रोटेम स्पीकर अरविंदर सिंह लवली शपथ दिलाएंगे. दिल्ली के उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना के निर्देश पर लवली को प्रोटेम स्पीकर नियुक्त किया गया है. जब तक विधानसभा अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का चुनाव नहीं हो जाता, वह प्रोटेम स्पीकर के तौर पर जिम्मेदारी सदन का संचालन करेंगे. सोमवार दोपहर दो बजे विधानसभा स्पीकर का चुनाव किया जाएगा.
अगले दिन 25 फरवरी को उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना का अभिभाषण होगा. इसके बाद विधानसभा के पटल पर कैग की रिपोर्ट रखी जाएगी. एलजी के अभिभाषण पर मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता धन्यवाद प्रस्ताव पेश करेंगी. सत्र के अंतिम दिन 27 फरवरी को सदन में उपराज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा की जाएगी. इसके बाद विधानसभा के उपाध्यक्ष का चुनाव किया जाएगा.
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एकेएस/जीसीबी/एकेजे