नई दिल्ली, 23 फरवरी . वैश्विक ऊर्जा प्रबंधन और ऑटोमेशन कंपनी श्नाइडर इलेक्ट्रिक ने भारत में तीन और मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स स्थापित करने की घोषणा की है.
श्नाइडर इलेक्ट्रिक के सीईओ ओलिवियर ब्लम ने कहा कि तीन नई मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स कोलकाता, हैदराबाद और अहमदनगर में शुरू की जाएगी. कंपनी के पास पहले से ही देश में 31 मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स हैं.
ग्रेटर नोएडा में इंडस्ट्री बॉडी इंडियन इलेक्ट्रिकल एंड इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन (आईईईएमए) द्वारा आयोजित ‘एलेक्रामा 2025’ कार्यक्रम में बोलते हुए ब्लम ने कहा, “हम भारतीय ऊर्जा क्षेत्र के विकास में तेजी लाने के लिए एआई और डिजिटलीकरण का उपयोग कर रहे हैं. हमारा मानना है कि डिजिटल ग्रिड, आईओटी-सक्षम वितरित ऊर्जा संसाधन, माइक्रोग्रिड, स्मार्ट बिल्डिंग और स्मार्ट शहर जैसी उन्नत टेक्नोलॉजी अगले 25 वर्षों में उत्सर्जन में 75 प्रतिशत की कमी लाएंगी.”
उन्होंने आगे कहा, “भारत हमारे वैश्विक विकास के लिए एक प्रमुख बाजार और रणनीतिक केंद्र है. हम भारत के भविष्य में निवेश करने, नौकरियां पैदा करने और सतत विकास में योगदान देने के लिए समर्पित हैं.”
श्नाइडर ने पहले 2026 तक भारत में अपने परिचालन का विस्तार करने के लिए 3,200 करोड़ रुपये निवेश करने की योजना की घोषणा की है.
श्नाइडर इलेक्ट्रिक इंडिया के सीईओ एवं एमडी, दीपक शर्मा ने कहा कि हमारा ध्यान यह प्रदर्शित करने पर होगा कि कैसे हमारे इनोवेटिव उत्पाद और समाधान ऊर्जा ट्रांजिशन में मदद कर सकते हैं. इससे 2070 तक नेट-शून्य लक्ष्यों को प्राप्त करने का मार्ग प्रशस्त हो सकता है.
इससे पहले केंद्रीय ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल ने कहा कि भारत के 500 गीगावाट के रिन्यूएबल एनर्जी के लक्ष्य को हासिल करने के लिए यूनिक इनोवेशन पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है.
उन्होंने कहा कि ग्रीन एनर्जी का लाभ उठाने के लिए एडवांस पावर इलेक्ट्रॉनिक्स, किफायती ट्रांसफार्मर, पावर कन्वर्टर्स, स्मार्ट ग्रिड सॉल्यूशंस विकसित करने की आवश्यकता है.
उन्होंने देश के ऊर्जा ट्रांसमिशन और वितरण नेटवर्क में सुधार के महत्व पर भी जोर दिया और इंडस्ट्री के खिलाड़ियों से ग्रिड को आधुनिक बनाने के लिए गैस इंसुलेटेड स्विचगियर (जीआईएस) सबस्टेशन जैसे उच्च दक्षता वाले उपकरण विकसित करने पर ध्यान केंद्रित करने का आग्रह किया.
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एबीएस/