सूडान के व्हाइट नील राज्य में हैजा से तीन दिनों में 83 लोगों की मौत: एनजीओ

खार्तूम, 23 फरवरी . स्थानीय गैर-सरकारी संगठनों (एनजीओ) ने बताया कि सूडान के व्हाइट नाइल राज्य में हैजा से मौत को लेकर भयावह आंकड़ा साझा किया है. इसके मुताबिक पिछले 72 घंटों में हैजा से 83 लोगों की मौत हो गई है.

गैर-सरकारी सूडानी डॉक्टर्स नेटवर्क ने शनिवार को एक बयान में कहा, “व्हाइट नाइल में हैजा फैलने से 83 लोगों की मौत हो गई है, जबकि 1,197 अन्य संक्रमित हुए हैं, जिनमें से शुक्रवार तक 259 लोग ठीक हो चुके हैं.”

समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, नेटवर्क ने स्थिति को “विनाशकारी” बताते हुए स्वास्थ्य अधिकारियों से आग्रह किया कि वे अस्पताल में बिस्तरों की कमी और बीमारों की बढ़ती संख्या को देखते हुए अतिरिक्त केंद्र खोलें.

नेटवर्क ने स्थानीय प्राधिकारियों से जागरूकता अभियान तेज करने, बाजारों को संक्रमणमुक्त करने, पारंपरिक तरीकों से पेयजल वितरण को रोकने तथा जल नेटवर्क की कमी वाले क्षेत्रों में क्लोरीन वितरित करने का भी आह्वान किया.

इस बीच, स्थानीय स्वयंसेवी समूह निदा अल-वसत प्लेटफार्म ने चेतावनी दी कि व्हाइट नाइल राज्य के प्रमुख शहर कोस्टी में स्वास्थ्य स्थिति “बहुत खतरनाक मोड़ ले रही है”, जहां 800 से अधिक हैजा के मामले सामने आए हैं और कई लोगों की मौत हुई है.

एक अन्य गैर सरकारी संगठन, डॉक्टर्स विदाउट बॉर्डर्स (एमएसएफ) ने भी एक प्रेस विज्ञप्ति में पुष्टि की कि “बड़ी संख्या में लोगों की मृत्यु हो गई है, और 800 से अधिक लोग तेज दस्त, डिहाइड्रेशन, उल्टी आदि के लक्षणों के साथ कोस्टी टीचिंग अस्पताल में हैजा उपचार केंद्र में इलाज करा रहे हैं, जिसे एमएसएफ द्वारा सहायता प्राप्त है.”

इसमें बताया गया कि पहले 100 मरीज बुधवार रात को उपचार केंद्र पहुंचे और शुक्रवार दोपहर तक यह संख्या 800 से अधिक हो गई.

प्रेस विज्ञप्ति में कोस्टी में एमएसएफ के चिकित्सा समन्वयक फ्रांसिस लायो ओकान के हवाले से कहा गया, “स्थिति चिंताजनक है और नियंत्रण से बाहर होने वाली है.”

एमएसएफ ने इस आपात स्थिति से निपटने के लिए अन्य संगठनों से सहायता की अपील की है, साथ ही यह भी कहा है कि संक्रमण का सबसे संभावित स्रोत व्हाइट नील नदी है.

दरअसल, 16 फरवरी को राज्य के उम-दबाकिर बिजलीघर पर ड्रोन से हमला किया गया था, जिससे आस-पास के प्रमुख शहरों के जलघर प्रभावित हुए और स्थानीय निवासियों को व्हाइट नील नदी से पानी लाने के लिए मजबूर होना पड़ा.

स्थानीय प्राधिकारियों ने हैजा के प्रकोप से निपटने के लिए कई कदम उठाए हैं, जिनमें नदी से पानी एकत्र करने पर प्रतिबंध लगाना, जल वितरण प्रणाली में क्लोरीनीकरण बढ़ाने का निर्देश देना, तथा राज्य में बाजार और अधिकांश रेस्तरां बंद करना शामिल है.

शनिवार को ही, सूडान के स्वास्थ्य मंत्रालय ने व्हाइट नाइल में हैजा टीकाकरण अभियान शुरू करने की घोषणा की, जिसका लक्ष्य कोस्ती और रबाक शहरों में एक वर्ष और उससे अधिक आयु के नागरिकों को टीका लगाना है.

एकेएस/केआर