प्रयागराज : संगम में स्नान के बाद लोग पहुंचते हैं भोले गिरी मंदिर, इतिहास बरसों पुराना

महाकुंभ नगर, 21 फरवरी . शिवरात्रि पर पड़ने वाले आखिरी मुख्य स्नान से पहले महाकुंभ नगर में श्रद्धालुओं का जमावड़ा लगने लगा है. प्रयागराज के कटघर स्थित भोले गिरी मंदिर का इतिहास बहुत पुराना है. यह मंदिर शंकरगढ़ के राजा महेंद्र प्रताप ने सैकड़ों साल पहले बनवाया गया था.

कुंभ और माघ मेले के दौरान इस मंदिर में श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है. महाकुंभ से आने वाले श्रद्धालु इस मंदिर में माथा टेककर आशीर्वाद लेते हैं. मान्यता है कि महाकुंभ से आने के बाद इस मंदिर में दर्शन मात्र से सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं. कई श्रद्धालुओं ने बताया कि हम महाकुंभ से फौरन यहां पर आए. हमें बहुत अच्छा लगा. हमें विश्वास है कि हमारी सभी मनोकामना पूरी होंगी.

से कुछ श्रद्धालुओं ने बातचीत की. सरिता केसरवानी ने बताया कि हम लोग बहुत उत्साहित हैं. हमें यहां आकर दैवीय आनंद की अनुभूति होती है.

श्रद्धालु ने पीएम मोदी और सीएम योगी की तारीफ की. उन्होंने कहा कि मोदी जी और योगी जी ऐसे ही बने रहें. उन्हें कोई न हटाएं. भोले बाबा भी उन्हें न हटाएं. यह हमारी प्रार्थना है. अगर मोदी जी और योगी जी चले जाएंगे, तो हम लोग कुछ नहीं कर पाएंगे.

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में इस बार महाकुंभ बेहद भव्य और दिव्य तरीके से आयोजित किया गया है और ऐसा आयोजन कोई और नहीं कर सकता था. कुंभ में सभी श्रद्धालुओं को आकर अत्यधिक प्रसन्नता हो रही है.

एक श्रद्धालु ने कहा कि भोले बाबा की लीला अपरम्पार है. बाबा की लीला के बारे में शब्दों में बयां कर पाना मुश्किल है.

श्रद्धालु कमलेश ने बताया कि हम बाबा के दर्शन करके धन्य हो गए. गंगा स्नान के बाद यहां आकर आनंद की ऐसी अनुभूति हो रही है. हम महाकुंभ भी गए थे. हमें बहुत अच्छा लगा.

श्रद्धालु छोटे बाबू ने बताया कि योगी जी और मोदी जी ने जिस तरह से कुंभ का आयोजन किया, वैसा आयोजन कोई भी नहीं करा पाएगा. हम महाकुंभ में गए, हमें वहां पर किसी भी प्रकार की दिक्कत नहीं हुई.

एसएचके/केआर