नई दिल्ली, 19 फरवरी . इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (आईसीएआई) के मुताबिक, इस समय देशभर में करीब 9.83 लाख छात्र सीए का कोर्स कर रहे हैं. इन छात्रों में करीब 44 प्रतिशतमहिलाएं हैं. चार्टर्ड अकाउंटेंट ऑडिट के जरिए कंपनियों और संस्थानों की कई वित्तीय खामियों का पता लगाते हैं. लेकिन, वित्तीय अनियमितताओं का पता न लगाने और इन कमियों को छुपाने समेत ऐसे अन्य कार्यों में शामिल चार्टर्ड अकाउंटेंट्स को कड़ी कार्रवाई का सामना करना पड़ रहा है.
आईसीएआई के अध्यक्ष चरणजोत सिंह नंदा ने को बताया कि 2007 में वर्तमान तंत्र की स्थापना के बाद से 11 फरवरी 2025 तक 2,771 मामलों में चार्टर्ड अकाउंटेंट्स को प्रथम दृष्टया व्यावसायिक या अन्य कदाचार का दोषी पाया गया है. इन मामलों को चार्टर्ड अकाउंटेंट अधिनियम 1949 की धारा 21ए के तहत अनुशासन बोर्ड और धारा 21बी के तहत अनुशासन समिति को जांच के लिए भेजा गया था. इनमें कुछ टैक्स ऑडिट के मामले भी शामिल हैं, जिन्हें सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के कारण बंद कर दिया गया है.
जांच के लिए संदर्भित 2,771 मामलों में सभी पक्षों को सुनवाई का उचित अवसर दिया गया. सुनवाई का अवसर देने के बाद 2,354 मामलों में सुनवाई पूरी हो गई है. जिन 2,354 मामलों की सुनवाई पूरी हो चुकी है, उनमें से 1,072 मामलों में चार्टर्ड अकाउंटेंट को व्यावसायिक या अन्य कदाचार का दोषी ठहराया गया है.
पिछले तीन वर्षों के दौरान अनुशासनात्मक मामलों की बात करें तो वर्ष 2022-23 में 91 चार्टर्ड अकाउंटेंट दोषी पाए गए और उन्हें सजा सुनाई गई. उन्हें एक महीने से लेकर हमेशा के लिए प्रोफेशन से हटाने की कार्रवाई की गई और 20 हजार रुपये से पांच लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया गया.
वहीं, 2023-24 में कुल 119 चार्टर्ड अकाउंटेंट के खिलाफ कार्रवाई की गई. सजा के तौर पर 15 दिन से दो साल तक प्रोफेशन से हटाने और पांच हजार रुपये से 2.25 लाख रुपये तक का जुर्माना लगाने की कार्रवाई हुई.
वर्ष 2024-25 में सबसे अधिक, 241 चार्टर्ड अकाउंटेंट के खिलाफ कार्रवाई की गई है. सजा के तौर पर इन्हें 15 दिन से लेकर पांच वर्ष के लिए प्रोफेशन से बाहर किया गया है. वहीं, जुर्माने की बात करें तो इन पर पांच हजार रुपये से लेकर पांच लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया गया है.
वर्किंग प्रोफेशनल की बात करें तो सवा चार लाख से अधिक चार्टर्ड अकाउंटेंट आईसीएआई के सदस्य हैं.
आईसीएआई के अध्यक्ष चरणजोत सिंह नंदा का कहना है कि उन्होंने कभी यह नहीं सुना है कि कोई सीए बेरोजगार है या उसके पास काम नहीं है. चार्टर्ड अकाउंटेंट्स इंस्टीट्यूट ग्लोबल इंडियन फर्म बनाने के उद्देश्य में जुटा है. उन्होंने इस दौरान नए पाठ्यक्रम और डिजिटल पहल का भी जिक्र किया. उन्होंने बताया कि चार्टर्ड अकाउंटेंट के पाठ्यक्रम में विभिन्न नई तकनीकों जैसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आदि को सम्मिलित किया गया है.
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जीसीबी/एबीएम/एकेजे