पटना, 19 फरवरी . बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) की प्रारंभिक परीक्षा रद्द करने की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे छात्रों का समर्थन कर रहे चर्चित शिक्षक खान सर ने कहा कि यह मामला अभी पटना उच्च न्यायालय के सामने विचाराधीन है, ऐसे में मुख्य परीक्षा की तिथि घोषित करना उचित नहीं है.
खान सर ने बुधवार को के साथ बातचीत में कहा, “कोई पढ़ा-लिखा व्यक्ति कभी भी इस तरह का घटिया डिसीजन नहीं ले सकता है. जब मामला हाईकोर्ट में विचाराधीन है तो मुख्य परीक्षा का टाइम टेबल जारी कर दिया गया है. यह पहली बार हुआ है, जब मेन्स का किसी ने फॉर्म नहीं भरा है और इन्होंने मेन्स की डेट जारी कर दी है. यह पूरी तरह बकवास है.”
उन्होंने आगे कहा, “मान लीजिए, आयोग मुख्य परीक्षा लेकर और परिणाम जारी कर देता है. उसके बाद पटना उच्च न्यायालय कहता है कि इस वैकेंसी को रद्द किया जाता है, एग्जाम को रद्द किया जाता है, तब सरकार का पूरा पैसा बर्बाद हो जाएगा. इतनी भी बुद्धि नहीं है. कोई क्या समझाएगा?”
खान सर ने पूछा कि आखिर बीपीएससी इतनी हड़बड़ी में क्यों है? आंदोलनरत अभ्यर्थियों के समर्थन में हम तीन बार आए, तीन बार यह स्पष्टीकरण जारी कर दिया. इतने दिन से ये लोग सोए हुए थे? यह आयोग की मानसिकता पर सवाल खड़ा करता है.
उन्होंने कहा कि मामला हाईकोर्ट में विचाराधीन है, तो इस पर भी कुछ नहीं किया जाना चाहिए. हम अगर ‘रूल ऑफ लॉ’ फॉलो कर रहे हैं तो आयोग को भी ‘रूल ऑफ इक्वलिटी’ फॉलो करना चाहिए. हम सब लोगों की जो मांग है, हाईकोर्ट उसे सुनेगा. बच्चे 65 दिन से आंदोलन कर रहे हैं. बच्चे नॉन सीरियस नहीं हैं, आयोग नॉन सीरियस है. परीक्षा रद्द करने को लेकर आंदोलन जारी रहेगा. लेकिन, प्रदर्शन का स्वरूप बदलता रहेगा. कभी फिजिकल हो सकता है. कभी डिजिटल हो सकता है. कभी दो-तीन दिन हम लोग राष्ट्रपति को लेटर लिख सकते हैं. कभी जिले-जिले जा सकते हैं. आंदोलन एक रहेगा, लेकिन स्वरूप बदलता जाएगा.
बीपीएससी ने 70वीं मुख्य परीक्षा को लेकर बुधवार को तिथि घोषित की है.
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एमएनपी/एबीएम