सियोल, 17 फरवरी . कुछ यूट्यूबर्स ने राष्ट्रपति यूं सूक येओल और प्रथम महिला किम किऑन ही का फर्जी वीडियो अपलोड किया था. साउथ कोरिया के राष्ट्रपति कार्यालय ने सोमवार को पुलिस से उनके खिलाफ जांच का अनुरोध किया है.
कार्यालय ने यौन अपराधों की सजा से संबंधित विशेष मामलों पर अधिनियम का कथित रूप से उल्लंघन करने की शिकायत दर्ज कराई है. इसमें वीडियो के पीछे दो यूट्यूब चैनल संचालकों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई गई है.
इनमें से एक व्यक्ति पर शनिवार को सियोल से लगभग 300 किलोमीटर साउथ में ग्वांगजू में यून को हटाने की मांग करने वाली रैली के दौरान वीडियो प्रसारित करने का आरोप है. वहीं, दूसरे ने कथित रूप से वीडियो को यूट्यूब पर कई बार पोस्ट किया है.
कार्यालय ने साउथ कोरिया के आधिकारिक नाम का हवाला देते हुए कहा, “आरोपी की हरकत न केवल कानून का स्पष्ट उल्लंघन हैं, बल्कि वे कोरिया गणराज्य के राष्ट्राध्यक्ष और उनकी पत्नी को भी पीड़ित करते हैं. साथ ही सार्वजनिक रूप से उन्हें बदनाम करते हैं.”
कार्यालय ने कहा, “(हम) इस बात पर जोर देते हैं कि झूठे वीडियो का उत्पादन और वितरण गंभीर आपराधिक कृत्य हैं. इन्हें स्वीकार नहीं किया जा सकता है और हम इसकी गहन जांच की अपील करते हैं.”
योनहाप समाचार एजेंसी ने बताया, इसके अलावा, राष्ट्रपति कार्यालय ने एक यूट्यूबर के खिलाफ एक और शिकायत दर्ज की. इसने राष्ट्रपति कार्यालय में होने वाले एक अनुष्ठान के संदेह को बढ़ाते हुए एक वीडियो पोस्ट किया था.
इससे पहले सत्तारूढ़ पीपुल्स पावर पार्टी के साउथ कोरियाई अंतरिम नेता ने अटकलों को खारिज कर दिया कि राष्ट्रपति यूं सुक येओल अपने महाभियोग परीक्षण पर फैसले से पहले स्वेच्छा से इस्तीफा दे सकते हैं. उन्होंने इस तरह के कदम को अवास्तविक और अनुचित बताया.
वरिष्ठ पत्रकारों के संगठन क्वानहुन क्लब द्वारा आयोजित एक वाद-विवाद मंच के दौरान क्वोन यंग-से ने यह टिप्पणी की. जब उनसे यूं के स्वेच्छा से पद छोड़ने की संभावना के बारे में पूछा गया, क्योंकि उन्हें चिंता है कि उनके महाभियोग के फैसले से राजनीतिक गुटों के बीच टकराव हो सकता है.
–
एससीएच/एबीएम