महबूबा मुफ्ती ने आतंकी संबंधों के चलते तीन सरकारी कर्मचारियों की बर्खास्तगी पर उठाए सवाल

जम्मू, 16 फरवरी . पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने रविवार को आतंकी संबंधों के चलते तीन सरकारी कर्मचारियों की बर्खास्तगी को लेकर उमर अब्दुल्ला सरकार पर निशाना साधा है.

पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने मीडिया से कहा, “लोगों को उम्मीद थी कि जब सरकार बनेगी तो कर्मचारियों की बर्खास्तगी में कमी आएगी, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ. जिन तीन अधिकारियों को बर्खास्त किया गया, उनमें से एक कांस्टेबल फिरदौस था, जो आतंकवादियों की गोली से घायल हो गया था और उसके शरीर पर 85 टांके लगे हैं.”

महबूबा मुफ्ती ने मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला से पूछा कि क्या वह जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे को खत्म करने वाले अनुच्छेद 370 को हटाने पर मुहर लगाएंगे.

उन्होंने कहा, “मैं सीएम उमर अब्दुल्ला से संसद में 2019 में लिए गए फैसले के बारे में पूछ रही हूं और क्या वह उस पर मुहर लगाने जा रहे हैं? अगर ऐसा होता है, तो अनुच्छेद 370 और 35ए का हमारा मामला कमजोर पड़ जाएगा. जम्मू-कश्मीर में कुछ भी सामान्य नहीं है, कश्मीर के लोग चुप हैं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि कश्मीर में सामान्य स्थिति है.”

जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने जेल में बंद एक पुलिसकर्मी सहित तीन सरकारी कर्मचारियों को आतंकवादियों से उनके कथित संबंधों को लेकर शनिवार को बर्खास्त कर दिया. बर्खास्त किए गए कर्मचारियों में पुलिस कांस्टेबल फिरदौस अहमद भट, शिक्षक मोहम्मद अशरफ भट और वन विभाग में अर्दली निसार अहमद खान शामिल हैं.

सरकारी कर्मचारियों की बर्खास्तगी पर सीएम उमर अब्दुल्ला ने कहा कि उपराज्यपाल मनोज सिन्हा का फैसला ठीक है.

उमर अब्दुल्ला ने मीडिया से बात करते हुए कहा, “अगर उनके खिलाफ सबूत हैं और अगर उन्हें खुद को सही ठहराने का मौका दिया गया था, लेकिन वे ऐसा नहीं कर सके, तो यह ठीक है.”

एकेएस/एकेजे