महाकुंभ : नेपाल से आए 85 वर्षीय श्रद्धालु को इस्केमिक स्ट्रोक, छह एक्सपर्ट डॉक्टरों ने बचाई जान

महाकुंभ नगर, 16 फरवरी . महाकुंभ में श्रद्धालुओं की सुरक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर योगी आदित्यनाथ सरकार के प्रयास रंग ला रहे हैं. स्वरूप रानी नेहरू चिकित्सालय (एसआरएन अस्पताल) के चिकित्सकों ने इस्केमिक स्ट्रोक से पीड़ित एक नेपाल निवासी 85 वर्षीय श्रद्धालु की जान बचाने में सफलता पाई.

अस्पताल के वरिष्ठ न्यूरो फिजिशियन डॉ. कमलेश सोनकर और उनकी छह एक्सपर्ट डॉक्टरों की पूरी टीम की तत्परता और कुशल उपचार के चलते 85 वर्षीय रामधनी अब पूरी तरह सुरक्षित हैं.

नेपाल के रहने वाले बुजुर्ग की बेटी ने सीएम योगी और एसआरएन के चिकित्सकों को पिता का जीवन रक्षक बताया है. उनका कहना था कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यहां महाकुंभ में बहुत ही उच्च स्तरीय चिकित्सा इंतजाम किए हैं, जिसके तहत यहां तैनात विशेषज्ञ चिकित्सकों ने उनके पिता को बचा लिया.

नेपाल के लुंबिनी निवासी रामधनी महाकुंभ में मौनी बाबा आश्रम, शांति कुटिया में एक माह से राम नाम जप रहे थे. 14 फरवरी की रात में अचानक उन्हें दाहिने हिस्से में कमजोरी, बोलने में कठिनाई और हल्की बेहोशी महसूस हुई. परिजनों ने तुरंत उन्हें एसआरएन अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर पहुंचाया, जहां विशेषज्ञों ने जांच के बाद पाया कि उन्हें इस्केमिक स्ट्रोक हुआ है. डॉ. कमलेश सोनकर और उनकी टीम ने तुरंत थ्रोम्बोलिसिस प्रक्रिया शुरू कर ब्लॉकेज हटाया, जिससे मरीज की हालत खतरे से बाहर हो गई.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशों के तहत महाकुंभ को ध्यान में रखते हुए यहां अस्पतालों को अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस किया गया है. एसआरएन अस्पताल का ट्रॉमा सेंटर हाईटेक इमेजिंग तकनीक, अनुभवी चिकित्सकों और तेज आपातकालीन सेवाओं के कारण मरीजों के लिए संजीवनी साबित हो रहा है.

एसआरएन ट्रॉमा सेंटर के सह-नोडल अधिकारी डॉ. राजकुमार चौधरी ने बताया कि महाकुंभ को देखते हुए अस्पताल की सुविधाओं में लगातार सुधार किया गया है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्राथमिकता है कि महाकुंभ में आए हर श्रद्धालु को सर्वोत्तम चिकित्सा सेवाएं मिलें.

मरीज की बेटी रीता ने डॉ. कमलेश सोनकर, डॉ. प्रभात सिंह, डॉ. अर्चना ओझा, डॉ. संदीप, डॉ. सुजीत, डॉ. तेज प्रताप और पूरी न्यूरोलॉजी टीम का आभार व्यक्त किया. परिजनों ने कहा कि योगी सरकार की स्वास्थ्य सेवाओं के कारण ही उनके पिता को नया जीवन मिल पाया है.

एसके/एएस