मुंबई, 16 फरवरी . महाराष्ट्र कांग्रेस का नेतृत्व हर्षवर्धन सपकाल को मिलने के बाद एक नई बहस छिड़ गई है. इस संबंध में हुसैन दलवई ने से बातचीत में कहा कि कांग्रेस द्वारा कम प्रसिद्ध चेहरे को नेतृत्व सौंपे जाने का निर्णय सोच-समझ कर लिया गया है. इस निर्णय से पार्टी को फायदा होगा और यह युवा नेता कांग्रेस के लिए बेहतर साबित होंगे.
उन्होंने कहा कि पृथ्वीराज चव्हाण को इस निर्णय से कोई नाराजगी नहीं है, और वह खुद भी कल एक ही मंच पर थे. नेताओं के बीच कोई मतभेद नहीं हैं और सभी इस निर्णय का स्वागत कर रहे हैं.
शिवसेना यूबीटी के नेताओं के पार्टी छोड़ने को लेकर सवाल किए जाने पर दलवई ने कहा कि कुछ लोग केवल सत्ता के लिए राजनीति करते हैं और जब उन्हें सत्ता नहीं मिलती, तो वे दूसरी पार्टी में चले जाते हैं. दलवई ने यह स्पष्ट किया कि सत्ता के बिना किसी भी पार्टी में कोई परिवर्तन नहीं हो सकता. जो लोग सरकार के खिलाफ लड़ाई लड़ते हैं, वही असल परिवर्तन ला सकते हैं.
कांग्रेस और शिवसेना यूबीटी से नेताओं के पलायन की वजह बताते हुए दलवई ने कहा कि इन नेताओं के पास अब सत्ता नहीं है इसलिए वे दूसरी पार्टी में शामिल हो रहे हैं. हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि पृथ्वीराज चव्हाण इस निर्णय से नाराज नहीं हैं और उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा कि कांग्रेस के नेता भास्कर यादव कहीं नहीं जाएंगे, हालांकि वे अपनी पार्टी के नेतृत्व से नाराज हो सकते हैं, लेकिन वे कहीं भी नहीं जाने वाले हैं.
नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर शनिवार रात मची भगदड़ को लेकर सवाल किए जाने पर उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश की योगी सरकार और केंद्र सरकार दोनों ही मेला व्यवस्थाओं में नाकाम साबित हुए हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि आम लोगों के लिए जरूरी सुविधाएं, जैसे पर्याप्त गाड़ियां और प्लेटफार्म की सुविधाएं, नहीं उपलब्ध कराई गईं, जिससे भगदड़ मच गई और कई लोग घायल हो गए.
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पीएसके/एएस