गांधी नगर, 16 फरवरी . गुजरात में स्थानीय निकाय चुनाव के लिए मतदान जारी है. मतदाताओं में गजब का उत्साह भी देखने को मिल रहा है. बड़े बुजुर्ग भी अपने मताधिकार का प्रयोग करने में पीछे नहीं हैं. 91 वर्षीय मंगूबेन ठाकोर भी इसकी मिसाल हैं. वो लाठी के सहारे मतदान केंद्र पहुंचीं और अपना हक अदा किया. मंगूबेन के साथ उनकी 70 वर्षीय बेटी और बहुओं समेत तीन पीढ़ियों ने मतदान किया.
टिंटोडा गांव के प्राथमिक विद्यालय में बने मतदान केंद्र तक पहुंचने का उनका जज़्बा नई पीढ़ी के लिए प्रेरणादायी साबित हुआ. जिससे यह साफ हुआ कि परिवार में मतदान के प्रति जागरूकता बड़े-बुजुर्गों की भूमिका से ही संभव हो सकती है.
परिवार के सदस्यों ने मंगूबेन को मतदान केंद्र तक लाने में मदद की, लेकिन यह प्रेरणा खुद मंगूबेन ने अपने परिवार को दी थी. उनकी इस भागीदारी से यह स्पष्ट हुआ कि बुजुर्गों को मतदान के प्रति शिक्षित करने से ही नई पीढ़ी में भी चुनाव के प्रति जागरूकता बढ़ सकती है. मंगूबेन ने यह संदेश दिया कि लोकतंत्र में भागीदारी की कोई उम्र नहीं होती और हर मतदाता का वोट महत्वपूर्ण होता है.
गुजरात में इस बार कुल 191 सीटों पर स्थानीय चुनाव हो रहे हैं, जिसमें जूनागढ़ सहित 66 नगर पालिकाओं के लिए मतदान किया जा रहा है. इसके अलावा गांधीनगर सहित तीन तालुका पंचायतों के चुनाव भी शामिल हैं. रविवार को कड़ी सुरक्षा के बीच मतदाता अपने मताधिकार का उपयोग कर रहे हैं. बोताड और वांकानेर नगर पालिकाओं के अलावा, राज्य में विभिन्न कारणों से रिक्त पड़ी 124 सीटों के लिए भी उपचुनाव आयोजित किए जा रहे हैं.
इस चुनाव में खास बात यह है कि 2023 में गुजरात सरकार द्वारा लिए गए फैसले के अनुसार पंचायतों, नगर पालिकाओं और नागरिक निगमों में 27 प्रतिशत सीटें अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लिए आरक्षित की गई हैं. यह स्थानीय निकायों के लिए पहला चुनावी मुकाबला है, जिसमें इस आरक्षण व्यवस्था को लागू किया गया है. चुनावी प्रक्रिया को सुचारू रूप से संपन्न कराने के लिए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं.
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पीएसएम/केआर