असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा से सीआरपीएफ के नवनियुक्त डीजी ने की मुलाकात

नई दिल्ली, 14 फरवरी . केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के महानिदेशक (डीजी) जी.पी. सिंह ने शुक्रवार को असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा से मुलाकात की. अधिकारियों ने इस मुलाकात को शिष्टाचार भेंट बताया है.

सीआरपीएफ के महानिदेशक का पदभार ग्रहण करने के बाद सिंह की मुख्यमंत्री से यह पहली मुलाकात थी. एक-दूसरे का अभिवादन करते हुए महानिदेशक ने मुख्यमंत्री को स्मृति चिह्न और फूलों का गुलदस्ता भेंट किया. कैबिनेट की नियुक्ति समिति द्वारा सीआरपीएफ के महानिदेशक के रूप में उनकी नियुक्ति से पहले सिंह करीब दो साल तक असम पुलिस के डीजीपी रहे थे.

सिंह असम-मेघालय कैडर के 1991 बैच के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी हैं. उन्हें 30 नवंबर 2027 को उनकी सेवानिवृत्ति की तारीख तक सीआरपीएफ प्रमुख के रूप में नियुक्त किया गया है.

अधिकारियों ने बताया कि सीआरपीएफ के विशेष महानिदेशक वितुल कुमार ने सीआरपीएफ महानिदेशक का कार्यभार जी.पी. सिंह को सौंपा, जो पहले विशेष सुरक्षा समूह (एसपीजी) में भी काम कर चुके हैं. जी.पी. सिंह ने पहले राष्ट्रीय जांच एजेंसी में पुलिस महानिरीक्षक के रूप में भी काम किया था. असम सरकार के अनुरोध पर उन्हें उनके मूल कैडर में वापस भेज दिया गया था. सिंह, जिन्हें स्थानीय रूप से विद्रोहियों के खिलाफ उनके सख्त रवैये के लिए ‘गन प्वाइंट सिंह’ भी कहा जाता है, 1990 के दशक में जोरहाट जिले में तैनात थे.

उन्होंने पहले असम पुलिस में डीआईजी मध्य-पश्चिमी रेंज के रूप में काम किया था. असम में नागरिकता (संशोधन) अधिनियम के खिलाफ विरोध और आंदोलन के चरम पर, उन्हें राज्य के एडीजीपी (कानून और व्यवस्था) के रूप में नियुक्त किया गया था.

साल 2021 में उन्होंने राइनो प्रोटेक्शन टास्क फोर्स का नेतृत्व किया. पिछले महीने केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एक आदेश जारी कर 1993 बैच के आईपीएस अधिकारी वितुल कुमार को सीआरपीएफ डीजी का अतिरिक्त प्रभार सौंपा था. गत 31 दिसंबर को वर्तमान डीजी अनीश दयाल सिंह सेवानिवृत्त हो गए थे. सीआरपीएफ भारत का सबसे बड़ा अर्धसैनिक बल है. यह आतंकवाद विरोधी अभियानों और वामपंथी उग्रवाद (एलडब्ल्यूई) में शामिल है.

सिंह को 31 जनवरी 2023 को असम के पुलिस महानिदेशक के रूप में नियुक्त किया गया था.

डीकेएम/एकेजे