मुंबई, 13 फरवरी . महाराष्ट्र के कैबिनेट के मंत्री एवं भाजपा नेता नितेश राणे के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को पत्र लिखकर राज्य के सभी मदरसों की जांच कराए जाने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. इस बीच, उनकी इस मांग का अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी और शरद पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी (एसपी) दोनों ने विरोध किया है.
एनसीपी के मुख्य प्रवक्ता आनंद परांजपे ने गुरुवार को समाचार एजेंसी से बात करते हुए नितेश राणे की मांग का विरोध किया है. परांजपे ने कहा, “किसी भी धर्म को टारगेट करना गलत है. कहीं कोई देश विरोधी गतिविधियां होती हैं तो मुंबई पुलिस हो या महाराष्ट्र पुलिस, उसे रोकने में सक्षम है. लेकिन सिर्फ धर्म से संबंधित या सभी मदरसों की जांच की मांग बहुत गलत है.”
उन्होंने कहा, “महाराष्ट्र सरकार के मंत्री को कभी ऐसी बात नहीं करनी चाहिए. अगर उनके पास मदरसे को लेकर कोई सबूत या जानकारी है, तो वह मुंबई पुलिस या गृहमंत्री से संपर्क करें और जांच की मांग कर सकते हैं. लेकिन किसी धर्म को टारगेट करना ठीक नहीं है. एनसीपी उनकी इस मांग का विरोध करती है.”
इससे पहले, एनसीपी (एसपी) के विधायक जितेंद्र आव्हाड ने भी से कहा, “मदरसों की राज्य सरकार ही क्यों, सीबीआई, सीआईए, मोसाद और एफबीआई को भी जांच करनी चाहिए. उनको हिंदू और मुसलमान के सिवाय कुछ नहीं मिलता है.”
उल्लेखनीय है कि नितेश राणे ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को पत्र लिखकर महाराष्ट्र में चल रहे सभी मदरसों की जांच करने की मांग की है. उन्होंने मांग की है कि प्रदेश के सभी मदरसों की जांच गृह विभाग को करनी चाहिए. उनकी इस मांग के बाद राज्य की राजनीति गरमाई हुई है. विपक्षी दलों के नेता उन पर ध्रुवीकरण का आरोप लगा रहे हैं.
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एससीएच/एकेजे