देहरादून, 13 फरवरी . उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने समान नागरिक संहिता (यूसीसी) पर आपत्ति जताने वाले विपक्ष को करारा जवाब देते हुए कहा, “जो लोग वोट बैंक की राजनीति करते आए हैं, उन्हें यूसीसी के आने से जरूर दिक्कत हो रही है.”
देहरादून में मीडिया से बातचीत के दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जहां यूसीसी के महत्व के बारे में बताया तो वहीं विपक्ष को आड़े हाथों भी लिया.
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि संवैधानिक प्रक्रिया के तहत ही उत्तराखंड में यूसीसी को लागू किया गया है. देश का संविधान बनाते वक्त बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर ने समान नागरिक संहिता को महत्वपूर्ण बताया था. प्रदेश की जनता ने इस कार्य के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में भाजपा को बहुमत दिया है. भाजपा ने जो संकल्प लिया था, उसे पूरा किया है.
उन्होंने विपक्ष को जवाब देते हुए कहा कि हमारी सरकार ने सभी काम संविधान के तहत किए हैं. जो लोग देश के अंदर तुष्टिकरण की राजनीति, वर्ग विशेष की राजनीति और वोट बैंक की राजनीति करते रहे हैं, उन्हें समान नागरिक संहिता से दिक्कत जरूर होगी.
उन्होंने कहा कि जो लोग महिलाओं का उत्पीड़न करते रहे हैं, देश के विभिन्न क्षेत्रों में अशांति फैलाने का काम करते रहे हैं, लोगों को बांटने का काम करते रहे हैं, महिलाओं का जिन्होंने सम्मान नहीं किया. उन लोगों को यूसीसी आने से जरूर आपत्ति होगी. लेकिन, देश का हर नागरिक आज यह चाहता है कि जिस तरह से उत्तराखंड में यूसीसी लागू किया गया है, वह देश में भी आगे बढ़े. कुछ लोगों को जरूर परेशानी होगी क्योंकि कुछ लोगों के हथकंडे पूरे नहीं होंगे.
उन्होंने बताया कि यूसीसी में महिलाओं का 100 प्रतिशत सशक्तीकरण भी है. महिलाओं के साथ बुजुर्गों की सुरक्षा का प्रावधान भी किया गया है. यहां तक कि इसमें लिव-इन रिलेशनशिप में रहने वाले लोगों के लिए भी सुरक्षा का प्रावधान है.
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डीकेएम/एबीएम