लखनऊ, 13 फरवरी . वक्फ (संशोधन) विधेयक पर पेश की गई संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) रिपोर्ट को समाजवादी पार्टी के नेता फखरुल हसन चांद ने भारतीय जनता पार्टी का एजेंडा बताया है.
उन्होंने से बात करते हुए कहा, “वक्फ पर जो बिल पेश हुआ है वो भारतीय जनता पार्टी का एजेंडा है. जेपीसी में चर्चा के दौरान जेपीसी के अध्यक्ष ने जिस तरह से विपक्ष के सदस्यों को निकालने का काम किया. इसके बाद विपक्ष के सदस्यों की बात नहीं सुनी गई. इससे साफ पता चलता है कि यह भारतीय जनता पार्टी का ऐजेंडा ही है. जेपीसी का गठन ही मात्र औपचारिकता मात्र रह गया. समाजवादी पार्टी जेपीसी का विरोध करती है और हमेशा करती रहेगी. पीडीए (पिछड़े, दलित, आदिवासी) के अधिकारों को भारतीय जनता पार्टी छीनना चाहती है. समाजवादी पार्टी पीडीए के अधिकारों के लिए लड़ती रहेगी.”
वहीं, राज्यसभा में बिल पेश हो चुका है जिसका विपक्ष ने पुरजोर विरोध किया है. मल्लिकार्जुन खड़गे ने पक्षपात का आरोप लगाया है. राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा- आपने जो सलाह दी, हम उसे मानते हैं. यही तरीका उधर वाले मान लें तो सही है. हमारा एक ही विषय है. जेपीसी की जो रिपोर्ट है उसमें कई सदस्यों ने आपत्ति जताई उनके डिसेंट नोट को बाहर निकालना गलत है. संसदीय प्रक्रिया में ऐसा नहीं चलता है. हमारे लिए ये रिपोर्ट फर्जी है. यह असंवैधानिक है. इस रिपोर्ट को फिर से पेश कीजिए.
विपक्ष के तल्ख तेवरों का जवाब अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने दिया. उन्होंने कहा- जेपीसी रिपोर्ट जब टेबल हुआ, कुछ सदस्यों ने कहा कि इसमें कुछ हिस्सा हटाया गया. मैं बाहर गया और जेपीसी चेयरमैन सर से बात की. उनसे कंफर्म किया, नियम के मुताबिक, जेपीसी रिपोर्ट को बिना कुछ काट छांट के टेबल किया गया. आज ये हंगामा क्यों कर रहे हैं? ये किस आधार पर आरोप लगा रहे हैं?
वहीं, भाजपा अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद जेपी नड्डा ने कहा कि विपक्ष का मकसद चर्चा करना नहीं, सिर्फ अपना पॉइंट रखना था.
–
पीएसएम/केआर