‘हमारे कार्यकर्ताओं ने आंदोलन की तरह चुनाव लड़ा’, ऑनलाइन संवाद में बोले मनीष सिसोदिया

नई दिल्ली, 12 फरवरी . आम आदमी पार्टी (आप) के वरिष्ठ नेता और दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बुधवार को देशभर के पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ ऑनलाइन संवाद कर उनका उत्साह बढ़ाया. उन्होंने सभी से पार्टी की भविष्य की रणनीतियों की जानकारी साझा की और उनके सुझाव भी लिए.

मनीष सिसोदिया ने कहा कि एक तरफ हमारा लक्ष्य सरकार बनाकर व्यवस्था ठीक करना है. लेकिन, हम सिर्फ सत्ता के लिए नहीं आए हैं, बल्कि बदलाव के लिए आए हैं और हमें खुशी है कि देश की सबसे बड़ी पार्टी को भी आज शिक्षा-स्वास्थ्य पर बात करनी पड़ रही है. यह बदलाव की शुरुआत है. हमारी लड़ाई सत्ता पाने के लिए नहीं है, बल्कि दूसरी पार्टियों की सोच और उनकी प्राथमिकताओं को बदलना भी हमारे आंदोलन का हिस्सा है.

उन्होंने कहा कि अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली में शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली, पानी समेत जनहित के अन्य क्षेत्रों में बदलाव करके दिखाया है. अगर भाजपा की सरकार इसे आगे बढ़ाती है तो यह भी हमारी जीत होगी, क्योंकि हम खुद को सत्ता में बनाए रखने के लिए नहीं आए हैं, बल्कि शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली, पानी समेत जरूरी मुद्दों पर परिवर्तन करने के लिए आए हैं. अगर दूसरी पार्टियां अपनी परंपरागत राजनीति, भ्रष्टाचार, गुंडागर्दी, जाति और धर्म की लड़ाइयां छोड़कर इस दिशा में बात भी करने लगती हैं, तो इसे भी हमें अपनी सफलता के रूप में देखना चाहिए. हालांकि, अभी इनके लिए इस पर काम करना बहुत दूर की बात है.

उन्होंने देशभर के “आप” सोशल मीडिया टीम के साथ ऑनलाइन बात करते हुए कहा कि भले ही चुनाव के नतीजे हमारे मुताबिक नहीं आए, लेकिन सबने खूब मेहनत की है. कई वॉलंटियर्स दिल्ली की गलियों में उतरे हुए थे. हम सब मिलकर एक चुनाव नहीं, बल्कि एक आंदोलन के लिए लड़ रहे थे. हम अपने उस सपने को जी रहे थे कि राजनीति ईमानदारी और काम की भी हो सकती है. जब इस देश की राजनीति जाति, धर्म और गुंडागर्दी से घिरी हुई है, ऐसे में कोई एक पार्टी शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली-पानी के दम पर चुनाव लड़ सकती है. हमारी लड़ाई केवल एक चुनाव तक सीमित नहीं है. यह लड़ाई केवल इसलिए नहीं है कि हमें सत्ता चाहिए, बल्कि हमारी लड़ाई इसलिए है कि इस देश के हर बच्चे को अच्छी शिक्षा मिले. हर गरीब को अमीर होने का हक मिले. देश की राजनीति गुंडागर्दी, भ्रष्टाचार, धर्म और जाति के ठेकेदारों से मुक्त हो और एक व्यक्ति के विकास के लिए जो मुद्दे जरूरी हैं, उसकी राजनीति हो. हमने चुनाव में केवल वोट नहीं मांगे थे, बल्कि बदलाव की नींव रखी थी. इस नींव को हमने सफलतापूर्वक रखा है. इसमें हम कामयाब हुए हैं.

मनीष सिसोदिया ने वॉलंटियर्स से कहा कि आप सब इसे सत्ता के लिए लड़े गए चुनाव के रूप में देखने की बजाय एक विचार की लड़ाई के रूप में देखिए. विचार की लड़ाई में, विचार कभी नहीं हारता. वह और मजबूत होकर उठता है. जब विचार बार-बार मजबूत होकर उठता है, तभी इतिहास बनता है. आज हमारी लड़ाई एक मोड़ पर आ गई है. जब हमने दिल्ली में शिक्षा की क्रांति शुरू की थी, तो किसी ने सोचा नहीं था कि सरकारी स्कूल भी ठीक हो सकते हैं. लोग मजाक उड़ाते थे कि अब सरकारी स्कूल, प्राइवेट स्कूलों को टक्कर देंगे. उन लोगों ने मजाक बनाया और हमने करके दिखा दिया. मोहल्ला क्लीनिक बनाने को लेकर कई लोगों ने अरविंद केजरीवाल का मजाक बनाया था. लेकिन, हमने देखा कि उनका मजाक उन पर ही भारी पड़ा और आज मोहल्ला क्लीनिक ऐसा मॉडल है, जिसे पूरी दुनिया और देश के कई राज्य फॉलो कर रहे हैं.

उन्होंने कहा कि जब हमने बिजली-पानी फ्री किया, तब भी ये लोग मजाक उड़ाते थे, लेकिन आज अपने आप को देश की सबसे बड़ी पार्टी कहने वाली पार्टी भी आम आदमी पार्टी के मॉडल को फॉलो कर रही है. हम एक चुनाव में हार से उदास हो जाएं, ऐसे कमजोर लोग नहीं हैं. किसी की मेहनत बेकार नहीं गई. हम देश के भविष्य के लिए काम कर रहे थे. भले ही एक चुनाव में मन मुताबिक नतीजे नहीं आए हैं, लेकिन हमारी लड़ाई आगे बढ़ी है. इसको और आगे बढ़ाएंगे और अगले चुनाव में और शिद्दत से लड़ेंगे. अभी तो मैं दिल्ली में शिक्षा पर काम कर रहा था, लेकिन अब मैं देशभर में शिक्षा पर काम करने के लिए समय निकाल पाऊंगा. पंजाब के मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री बहुत अच्छा काम कर रहे हैं. हमें नई ऊर्जा के साथ अपनी लड़ाई जारी रखनी है. लड़ाई खत्म नहीं हुई है. हम जिस विचार के लिए लड़ने के लिए आए थे, वह लड़ाई जारी है.

पीकेटी/एबीएम/एकेजे