नई दिल्ली, 12 फरवरी . भारत के औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) में दिसंबर 2024 में 3.2 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है. यह जानकारी बुधवार को सांख्यिकी मंत्रालय द्वारा दी गई.
मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर, जिसकी आईआईपी में हिस्सेदारी तीन-चौथाई से अधिक की है. दिसंबर 2024 में 3 प्रतिशत से अधिक बढ़ा है.
यह सेक्टर देश के इंजीनियरिंग संस्थानों और विश्वविद्यालयों से निकलने वाले युवा स्नातकों को गुणवत्तापूर्ण नौकरियां प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है.
मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर के भीतर एनआईसी 2 अंक-स्तर पर 23 उद्योग समूहों में से 16 ने दिसंबर 2023 की तुलना में दिसंबर 2024 में सकारात्मक वृद्धि दर्ज की गई है. सबसे अधिक 6.7 प्रतिशत की वृद्धि बेसिक मेटल, 40.1 प्रतिशत की वृद्धि इलेक्ट्रिक इक्विपमेंट और कोक एवं रिफाइंड पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स में 3.9 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है.
आधिकारिक बयान के अनुसार, उद्योग समूह में “मैन्युफैक्चर ऑफ बेसिक मेटल “, आइटम समूह “एमएस ब्लूम्स / बिलेट्स / सिल्लियां / पेंसिल सिल्लियां”, “स्टील के गैल्वनाइज्ड उत्पाद”, “पाइप और स्टील के ट्यूब” ने वृद्धि दर बढ़ाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है.
समीक्षा अवधि में इलेक्ट्रिसिटी सेक्टर में 6.2 प्रतिशत की मजबूत वृद्धि दर्ज की गई है. हालांकि, माइनिंग सेक्टर की वृद्धि दर गिरकर 2.6 प्रतिशत पर आ गई है.
औद्योगिक उत्पादन वृद्धि दर नवंबर में छह महीने के उच्चतम स्तर 5.2 प्रतिशत को छूने के बाद दिसंबर में कम हो गई है.
पूंजीगत सामानों के उत्पादन में दिसंबर में 10.3 प्रतिशत की मजबूत वृद्धि हुई है. इसमें वृद्धि दिखाती है कि देश में फैक्ट्रियां तेजी से बढ़ रही है.
कंज्यूमर ड्यूरेबल सेगमेंट जैसे इलेक्ट्रॉनिक्स गुड्स, रेफ्रिजरेटर और टीवी के उत्पादन में 8.3 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है.
आंकड़ों के मुताबिक, चालू वित्त वर्ष के अप्रैल-दिसंबर अवधि में औद्योगिक उत्पादन में 4 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. वहीं, पिछले साल समान अवधि में यह आंकड़ा 6.3 प्रतिशत पर था.
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एबीएस/