नई दिल्ली, 12 फरवरी . दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने बुधवार को कांग्रेस के पूर्व सांसद साजन कुमार को 1984 के सिख विरोधी दंगा मामले में दोषी ठहराया.
दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष हरमीत सिंह कालका ने कहा कि पिछले 40 साल से सिख समाज जो लड़ाई लड़ रहा था, उसे आज बड़ी जीत मिली है. उस समय की सरकारों ने सिख विरोधी दंगे मामले में केस बंद करने की कोशिश की थी, लेकिन आज उस मामले में हमें जीत मिली है. हमने कभी उम्मीद नहीं छोड़ा और लड़ाई लगातार लड़ते रहे, जहां हमें अब न्याय मिला है.
सज्जन कुमार पर लगे कत्ल के आरोप आज अदालत में साबित हो गया. 18 फरवरी को सजा का ऐलान होगा. मेरा मानना है कि उन्हें उम्रकैद या मौत की सजा मिलनी चाहिए. आने वाले समय मे जगदीश टाइटलर और कमलनाथ जैसे लोग भी सलाखों के पीछे होंगे. ये लड़ाई दिली सिख गुरुद्वरा प्रबंधक कमेटी ने लड़ी है. हम कभी पीछे नहीं हटे, जो एक मिसाल है.
वहीं आम आदमी पार्टी के सांसद मलविंदर सिंह कंग ने कहा कि 1984 सिख कत्लेआम कांग्रेस की साजिश थी. इसके आरोपी सज्जन कुमार को दोषी ठहराने के लिए मैं अदालत का धन्यवाद करता हूं. बहुत समय बाद हमें इंसाफ मिला है. कई दशकों से हम न्याय का इंतजार कर रहे थे. वो सपना आज पूरा हुआ. इस मामले में अदालत का धन्यवाद करता हूं और उम्मीद करता हूं कि बाकी दोषियों को भी सजा मिलेगी. सज्जन कुमार को अदालत ज्यादा से ज्यादा सजा की उम्मीद करता हूं.
वहीं, उत्तर पूर्वी जिला के यमुना विहार क्षेत्र स्थित गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा के सदस्य हरदीप सिंंह 1984 का स्मरण कर भावुक नजर आए. हरदीप सिंह ने कहा कि सज्जन कुमार ने जो किया, उसका फल तो उन्हें मिलना ही था. उन्होंने जो भी कुछ किया, उन्हें उसका परिणाम भुगतना पड़ेगा और अब वह भुगतेगे. अब अदालत जो फैसला सुनाएगी, उन्हें मानना पडे़गा. सिख विरोधी दंगों का जख्म मेरे सीने में है. उस वक्त तमाम सिखों का नरसंहार किया गया. हमने वो तस्वीरें अपनी आंखों के सामने देखी है.
वहीं, अमरदीप सिंह ने कहा कि मुझे यह जानकर खुशी हुई कि सज्जन कुमार को दोषी ठहराया गया है. जब मुझे इस बात की जानकारी मिली तो मैं अगले ही पल 40 साल पीछे चला गया. उन 40 सालों के घाव फिर से उभर आए. हमें इतनी पीड़ा क्यों झेलनी पड़ी? हमें अपने पिता के बिना क्यों रहना पड़ा? बेटियों को उनके ही घरों में क्यों बेइज्जत किया गया? लोगों को उनके गले में टायर डालकर क्यों जलाया गया गया? बच्चों को क्यों टुकड़ों में काटकर जिंदा जला दिया गया? आज, वे सभी दर्दनाक यादें वापस आ गई हैं. हमें लंबे इंतजार के बाद न्याय मिला है. अदालत तमाम मामलों को जल्द हल कर देता है, लेकिन इस मामले में हमें 40 साल लग गए. लेकिन देर से ही सही, अदालत ने जो फैसला सुनाया है, हम उसका स्वागत करते है.
राउज एवेन्यू कोर्ट ने सज्जन कुमार को इस हत्याकांड में दोषी ठहराया है. दोषी ठहराने के बाद अब उनकी सजा पर 18 फरवरी को बहस होने वाली है. 18 फरवरी को अदालत इस पर विचार करेगी कि सज्जन कुमार को कितनी सजा दी जाए.
–
एकेएस/