एलसीए लड़ाकू विमान की आपूर्ति करेगा एचएएल, वायुसेना ने जताई थी चिंता

नई दिल्ली, 12 फरवरी . भारतीय वायुसेना नए स्वदेशी लड़ाकू विमान नहीं मिलने से चिंतित है. लड़ाकू विमानों की आपूर्ति में देरी से वायु सेना की क्षमता पर प्रभाव पड़ रहा है. इन लड़ाकू विमानों की आपूर्ति में हो रही देरी को लेकर वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह विभिन्न मौकों पर अपनी बात भी रख चुके हैं. उन्होंने एलसीए मार्क-1ए लड़ाकू विमानों की आपूर्ति में हो रही देरी को स्वीकार किया और इसको लेकर चिंता व्यक्त की.

गौरतलब है कि स्वदेशी लड़ाकू विमान आत्मनिर्भर भारत के तहत भारत में ही बनाए जा रहे हैं. इन विमानों का निर्माण हिन्दुस्तान एयरोनाटिक्स लिमिटेड (एचएएल) द्वारा किया जा रहा है. एचएएल के सीएमडी डीके सुनील ने एलसीए मार्क-1ए लड़ाकू विमानों की आपूर्ति में हो रही देरी को लेकर कहा है कि वे एयरफोर्स की चिंताओं से वाकिफ हैं.

बेंगलुरु में सीएमडी डीके सुनील ने बताया है कि मार्च में अमेरिका से पहला एफ-404 इंजन मिलना शुरू हो जाएगा. इस साल (2025-26) में कुल एक दर्जन एविएशन इंजन मिल जाएंगे. ऐसे में वायुसेना को एलसीए मार्क-1ए की सप्लाई जल्द शुरू हो जाएगी. यह देरी तकनीकी खामी की वजह से हुई है. अब इसे दूर कर लिया गया है. जो तकनीकी मुद्दे थे, उनका समाधान कर लिया गया है.

उनका कहना है कि हम वायु सेना प्रमुख की चिंता को समझते हैं, वायु सेना के स्क्वाड्रन की ताकत कम हो रही है. हमने वादा किया है कि हम ये सभी स्ट्रक्चर तैयार कर लेंगे. इसके लिए हमने विभिन्न स्तरों पर कई बैठकें की हैं. हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) भारतीय वायुसेना को विमान की आपूर्ति जल्द शुरू कर देगा. अब तकनीकी दिक्कतें दूर हो गई हैं. भारतीय वायुसेना ने 83 तेजस एमके-1ए का ऑर्डर एचएएल को दिया है.

एचएएल का कहना है कि विदेश से इंजन नहीं मिलने के कारण इन विमानों की आपूर्ति में देरी हुई है. ऐसे समय में जब भारतीय वायुसेना के स्क्वाड्रन तेजी से कम हो रहे हैं, तब एलसीए के मार्क-1ए वर्जन की सप्लाई में देरी हो रही है. इससे वायुसेना की क्षमता पर भी असर पड़ रहा है.

विशेषज्ञों के मुताबिक, अमेरिका से एफ-404 इंजन की सप्लाई न होने के चलते लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (एलसीए) के मार्क-1ए (अल्फा) वर्जन की सप्लाई में दो साल की देरी हो चुकी है.

रक्षा मंत्रालय स्वदेशी एलसीए प्रोजेक्ट को वायुसेना की मुख्य ताकत बनाने में जुटा है. फिलहाल, वायुसेना के पास दो एलसीए-तेजस (मार्क-1) की स्क्वाड्रन हैं, जिन्हें तमिलनाडु के सुलूर एयरबेस पर तैनात किया गया है.

केंद्र सरकार ने मार्क-1ए के कुल 83 विमानों की मंजूरी दी है. इसके अलावा 97 अतिरिक्त विमानों के लिए भी हरी झंडी मिल सकती है. कुल 220 एलसीए विमान, वायुसेना के मिग-21, मिग-29 और मिराज की जगह लेंगे, जो अब पुराने हो चुके हैं. इसके साथ ही सरकार ने एलसीए के मार्क-2 वर्जन यानी मीडियम वेट फाइटर एयरक्राफ्ट के लिए भी मंजूरी दी है.

जीसीबी/एबीएम