बीजिंग, 12 फरवरी . हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर अमेरिका में आयातित सभी स्टील और एल्यूमीनियम उत्पादों पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने के आदेश पर हस्ताक्षर किए. इस कदम ने अंतर्राष्ट्रीय व्यापार समुदाय में व्यापक ध्यान और चिंता पैदा की है. हालांकि, यह वास्तव में संदिग्ध है कि क्या यह कदम वास्तव में अमेरिका द्वारा अपेक्षित परिणाम प्राप्त कर सकता है.
ऐतिहासिक अनुभव के आधार पर व्यापार युद्ध समस्या का अच्छा समाधान नहीं है. ट्रंप के पहले कार्यकाल के दौरान, अमेरिका ने आयातित स्टील और एल्यूमीनियम उत्पादों पर टैरिफ लगाया था, लेकिन परिणाम उम्मीद के मुताबिक नहीं रहे. उस समय, प्रमुख व्यापारिक साझेदारों ने जवाबी कदम उठाए, जिससे वैश्विक व्यापार तनाव बढ़ गया है. इस बार नए व्यापार युद्ध से न केवल व्यापक जवाबी कार्रवाई शुरू हो सकती है, बल्कि वैश्विक अर्थव्यवस्था पर अप्रत्याशित प्रभाव भी पड़ सकता है.
आर्थिक दृष्टिकोण से, टैरिफ लगाने से अमेरिकी इस्पात और एल्यूमीनियम उद्योगों की मूलभूत समस्याएं हल नहीं होंगी. इन उद्योगों की गिरावट अमेरिकी आर्थिक संरचना में बदलाव, तकनीकी नवाचार में अंतराल और वैश्विक बाजार में जबरदस्त प्रतिस्पर्धा जैसे कई कारकों से संबंधित है. केवल घरेलू उद्योगों की सुरक्षा के लिए टैरिफ का उपयोग न केवल उनकी प्रतिस्पर्धात्मकता में सुधार करने में विफल रहेगा, बल्कि उपभोक्ताओं पर बोझ बढ़ सकता है और समग्र आर्थिक दक्षता प्रभावित हो सकती है.
व्यापार युद्ध वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं और औद्योगिक श्रृंखलाओं की स्थिरता के लिए भी खतरा पैदा करता है. आज वैश्वीकरण का दायरा विस्तृत होता जा रहा है, विभिन्न देशों की अर्थव्यवस्थाएं आपस में घनिष्ठ रूप से जुड़ी हुई हैं और किसी भी कड़ी में अशांति एक श्रृंखलाबद्ध प्रतिक्रिया को तेज कर सकती है. अमेरिका द्वारा लगाए गए अतिरिक्त टैरिफ निस्संदेह वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में अनावश्यक व्यवधान और जोखिम लाएंगे.
जहां तक चीन की बात है, हालांकि अमेरिका को स्टील और एल्यूमीनियम का निर्यात सीमित है, व्यापार युद्ध की अनिश्चितता अभी भी चीन-अमेरिका आर्थिक और व्यापार संबंधों पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकती है. इससे भी और महत्वपूर्ण बात यह है कि व्यापार युद्ध अंततः आम उपभोक्ताओं के हितों को नुकसान पहुंचाता है. जैसा कि फ्रांसीसी राष्ट्रपति मैक्रॉन ने बताया, अतिरिक्त टैरिफ लगाने से अमेरिका में कीमतें और मुद्रास्फीति बढ़ेंगी और अमेरिकी लोगों को अंततः बिल का भुगतान करना होगा.
व्यापार युद्ध और टैरिफ युद्ध समस्याओं को हल करने के प्रभावी तरीके नहीं हैं. अमेरिका को अपनी व्यापार नीति की फिर से जांच करनी चाहिए और वैश्विक आर्थिक व्यवस्था और अपने हितों की रक्षा के लिए बातचीत और सहयोग के माध्यम से अंतर्राष्ट्रीय व्यापार विवादों को हल करना चाहिए. आखिरकार, केवल शांति और सहयोग से ही साझी जीत और विकास हासिल किया जा सकता है.
(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)
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