बिम्सटेक शिखर सम्मेलन में हो सकती है पीएम मोदी और मोहम्मद यूनुस की मुलाकात

ढाका, 12 फरवरी . प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बांग्लादेश के अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस की बिम्सटेक शिखर सम्मेलन में मुलाकात की संभावना जताई जा रही है. यह सम्मेलन 2 से 4 अप्रैल तक थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक में आयोजित होगा.

हालांकि अभी तक इस बैठक को लेकर कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन बांग्लादेश के अधिकारियों का मानना है कि दोनों नेता इस मंच का इस्तेमाल द्विपक्षीय वार्ता के लिए कर सकते हैं.

बिम्सटेक एक क्षेत्रीय संगठन है, जिसकी स्थापना 1997 में हुई थी. पहले इसे बीआईएसटी-ईसी कहा जाता था, जिसमें बांग्लादेश, भारत, श्रीलंका और थाईलैंड शामिल थे. बाद में म्यांमार, भूटान और नेपाल के भी सदस्य बनने से इसका नाम बदलकर बिम्सटेक कर दिया गया.

यह संगठन दक्षिण एशियाई और दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों के बीच सहयोग बढ़ाने का काम करता है. सार्क के निष्क्रिय होने के बाद भारत ने इस संगठन को अधिक महत्व देना शुरू किया, जिससे यह क्षेत्रीय सहयोग का एक प्रमुख मंच बन गया.

इस शिखर सम्मेलन के दौरान बांग्लादेश बिम्सटेक का अगला अध्यक्ष बनेगा.

संगठन के महासचिव इंद्रमणि पांडे के अनुसार, यह भूमिका बांग्लादेश को सदस्य देशों के साथ मिलकर आर्थिक और तकनीकी सहयोग को आगे बढ़ाने का अवसर देगी. इससे देश को वैश्विक स्तर पर अपनी प्रतिबद्धता प्रदर्शित करने का भी मौका मिलेगा.

बांग्लादेश और भारत के बीच संबंध हाल के महीनों में तनावपूर्ण रहे हैं. 5 अगस्त को हुए तख्तापलट में पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को सत्ता से हटाया गया, जिसके बाद उन्होंने भारत में शरण ली. इस घटना के बाद से दोनों देशों के रिश्तों में गिरावट आई है. बांग्लादेश में अंतरिम सरकार के आने के बाद से हिंसा और अल्पसंख्यकों पर हमलों की घटनाएं भी सामने आई हैं, जिससे भारत ने चिंता जताई है.

ऐसे में बिम्सटेक शिखर सम्मेलन को दोनों देशों के बीच संबंध सुधारने का एक मौका माना जा रहा है. अगर मोदी और यूनुस की मुलाकात होती है, तो इससे कूटनीतिक मतभेद कम करने और क्षेत्रीय स्थिरता को बढ़ावा देने में मदद मिल सकती है. हालांकि, यह इस बात पर निर्भर करेगा कि बांग्लादेश की अंतरिम सरकार लोकतंत्र बहाली और अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के लिए क्या कदम उठाती है.

पीएसएम/एमके