भोपाल, 11 फरवरी . मध्य प्रदेश में हुए परिवहन घोटाले के मामले में परिवहन विभाग के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा सहित तीन आरोपियों को अपर जिला न्यायाधीश की अदालत ने 17 फरवरी तक के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को रिमांड पर सौंप दिया है. तीनों ही आरोपियों को ईडी ने गिरफ्तार किया था. तीनों आरोपी अब तक पुलिस हिरासत में जेल में थे.
राज्य में हुए परिवहन घोटाले में सौरभ शर्मा, शरद जायसवाल और चेतन सिंह गौर को गिरफ्तार करने के बाद मंगलवार को प्रवर्तन निदेशालय की टीम ने अपर जिला न्यायाधीश की अदालत में पेश किया और रिमांड मांगी. न्यायाधीश ने ईडी को तीनों आरोपियों को रिमांड पर 17 फरवरी तक के लिए सौंप दिया. अब ईडी इन आरोपियों के पास आई करोड़ों की संपत्ति का ब्यौरा हासिल करने की कोशिश करेगी.
इन तीनों आरोपियों को पूर्व में लोकायुक्त पुलिस ने गिरफ्तार किया था. उसके बाद रिमांड पर लेकर पूछताछ की और उसके बाद से सभी हिरासत में जेल में थे. इसी दौरान ईडी ने तीन दिनों तक जेल में जाकर तीनों से पूछताछ की और उसके बाद गिरफ्तारी की.
ईडी ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर जानकारी दी है कि ईडी, भोपाल जोनल कार्यालय ने पीएमएलए, 2002 के प्रावधानों के तहत 10 फरवरी को तीन व्यक्तियों सौरभ शर्मा, शरद जायसवाल और चेतन सिंह गौर को गिरफ्तार किया है. वहीं, ईडी ने तीनों ही आरोपियों को मंगलवार को अदालत में पेश किया, जहां ईडी ने तीनों आरोपियों को रिमांड पर मांगा और न्यायालय ने आरोपियों से 17 फरवरी तक पूछताछ करने के लिए ईडी को सौंप दिया.
राज्य के परिवहन घोटाले में परिवहन विभाग के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा, शरद जायसवाल और चेतन सिंह गौर के खिलाफ लोकायुक्त, आयकर विभाग और ईडी ने प्रकरण दर्ज कर कार्रवाई की थी. इस मामले में सौरभ शर्मा के अलावा चेतन गौर और शरद जायसवाल को गिरफ्तार किया गया. इसी दौरान एक कार से 52 किलो सोना और 10 करोड़ रुपये बरामद किए गए थे. इसके अलावा, ढाई क्विंटल चांदी भी बरामद की गई थी.
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एसएनपी/