‘एंटी स्मगलिंग डे’ पर हुई तस्करी पर चर्चा, फिक्की अध्यक्ष बोले- इसका समाधान ढूंढना जरूरी

नई दिल्ली, 11 फरवरी . फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की कैस्केड) द्वारा आज एंटी स्मगलिंग डे मनाया गया. इस अवसर पर नई दिल्ली में भी एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें नकली सामान और स्मगलिंग से देश को हो रहे नुकसान के बारे में चर्चा की गई.

फिक्की के अध्यक्ष अनिल राजपूत ने से बातचीत में बताया कि चार साल पहले हमने तय किया था कि एंटी स्मगलिंग डे होना चाहिए. दुनिया भर में तस्करी को रोकने के लिए जागरूकता कार्यक्रम के दिन पहले से ही तय हैं. मेरा मानना है कि दुनिया भर के लिए स्मगलिंग बहुत बड़ी समस्या है और इसके जरिए टेरर फंडिंग भी की जा रही है, जो चिंता की बात है.

उन्होंने कहा, “चार साल पहले यानी 4 फरवरी को भारत में एंटी स्मगलिंग डे मनाने की शुरुआत हुई थी. मेरा संयुक्त राष्ट्र से यही अनुरोध है कि वह इस दिन को अपनाएं और दुनियाभर के लोगों में स्मगलिंग के प्रति जागरूक करें, क्योंकि अगर इसका समाधान नहीं ढूंढा गया तो आगे चलकर ये हमारे लिए हानिकारक साबित होगा. इसलिए स्मगलिंग को रोकने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और ड्रोन का इस्तेमाल किया जा रहा है, ताकि स्मगलिंग करने वाले लोगों पर शिकंजा कसा जा सके.”

भारत सरकार के उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार पंकज कुमार सिंह ने से बातचीत में कहा, “स्मगलिंग के कारण देश को आर्थिक रूप से काफी नुकसान होता है, इसलिए सरकार का स्पष्ट है कि स्मगलिंग को सख्ती के साथ खत्म किया जाए. मैं एंटी स्मगलिंग डे पर सिर्फ यही कहूंगा कि इससे देश को खतरा है, उनको पकड़कर कार्रवाई की जाए.”

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